कानपुर: दिनों दिन देश में बढ़ता जा रहा प्रदुषण आज बीमारियों का कारण बनता जा रहा है वहीं हाल ही में गंगा के पानी से खुजली होने की शिकायत पर मंडलायुक्त सुधीर एम. बोबडे ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा है. जंहा मंडलायुक्त की गंगा के पानी को लेकर जताई गई चिंता ऐसे वक्त पर आई है, जब कानपुर की गंगा को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से लगातार कसीदे गढ़े जा रहे हैं. वहीं मंडलायुक्त की चिट्ठी में गंगा प्रदूषण मुक्त अभियान समिति की शिकायत के आधार पर कहा गया है कि गंगा के कुछ स्थानों पर किनारे पानी दिखने में तो साफ नजर आता है लेकिन वह शरीर के लिए हानिकारक साबित हो रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार यह स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि पश्चिमी उप्र के अधिकांश स्थानों पर गंगा में ड्रमों में भरकर हानिकारक रसायन डाले जा रहे हैं. जिस पर रोक लगाना जरूरी है. लेकिन यह रसायन ज्यादातर चीनी मिलों व अन्य उद्योगों से निकल रहे हैं.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. फ्रैंकलिन के अनुसार अभी चिट्ठी नहीं मिली है, लेकिन इस बात की जानकारी उन्हें भी हुई है. उनका कहना है कि जिन जगहों (बिठूर, सरसैया घाट, भगवतदास घाट) पर गंगा के पानी से खुजली होने की बात की जा रही है, वहां पर गंगा में डिजॉल्व ऑक्सीजन (डीओ) की मात्रा काफी अच्छी है. यह जरूर हो सकता है कि कुछ समय के लिए किनारे पर कोई ऐसा सड़ा पौधा या हानिकारक तत्व आकर रुका हो, जिससे दिक्कत आई हो. वर्तमान में स्थिति काफी बेहतर है.
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