कोरोना काल में वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए ITR-1 (सहज फॉर्म) को आयकर विभाग ने एक्टिवेट कर दिया है. इसका मतलब है कि 50 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले वेतनभोगी व्यक्तिगत करदाता उक्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, जो लोग पहली बार आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले हैं, वे अब भी पूरी प्रक्रिया को लेकर उलझन में हैं. पहली बार आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोग यह समझने की कोशिशों में लगे हैं कि आयकर रिटर्न दाखिल करते समय किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है और कौन से फॉर्म भरने पड़ते हैं. अगर आपको सभी तरह के जरूरी दस्तावेजों के बारे में जानकारी है तो आप आसानी से खुद ही आयकर रिटर्न भर सकते हैं.
फॉर्म 16
यह एक तरह का सर्टिफिकेट है, जिसे आपका नियोक्ता जारी करता है. इस फॉर्म में नियोक्ता आपकी सैलरी से हुई टैक्स कटौती और आयकर विभाग को जमा कराए गए टैक्स का विवरण देता है. अधिकतर नियोक्ता 15 जून से पहले यह फॉर्म जारी कर देते हैं. हालांकि, इस बार इसकी समयावधि को बढ़ा दिया गया है.
फॉर्म 26AS
फॉर्म 26AS टैक्स से जुड़ा सालाना स्टेटमेंट होता है. आयकर रिटर्न भरने से पहले फॉर्म 26AS की जांच सबसे जरूरी होता है क्योंकि फॉर्म में आपके नियोक्ता, किराएदार व अन्य ट्रेड पार्टनर्स की ओर से की गई टैक्स कटौती का पूरा ब्योरा होता है. इसके अलावा अगर आपने कोई FD करायी हुई है और उससे होने वाली आय पर कर कटौती हुई है तो उसका भी ब्योरा इस फॉर्म में मिल जाएगा.
टैक्स सेविंग से जुड़े साक्ष्य
अगर आपने कुछ ऐसे फंड्स में निवेश किया है, जिस पर आपको टैक्स में छूट मिल सकती है तो आपको उससे जुड़े दस्तावेज चाहिए. इनमें इंश्योरेंस की प्रीमियम जमा करने पर प्राप्त रसीद, ELSS फंड निवेश से जुड़े दस्तावेज भी शामिल हैं. अगर आपने एजुकेशन लोन या होम लोन के आधार पर कर छूट का दावा किया है तो आपको बैंक से इस चीज का स्टेटमेंट चाहिए होगा.
कैपिटल गेन टैक्स स्टेटमेंट
अगर आपने शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए कैपिटल गेन स्टेटमेंट की दरकार होगी.
व्यक्तिगत जानकारी भी है जरूरी
अगर आप सहज फॉर्म भर रहे हैं तो उपरोक्त विवरण के अलावा आपको बैंक से जुड़े विवरण, पैन नंबर और ईमेल आईडी की जरूरत होगी. आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आईटीआर दाखिल करते समय आप सही जानकारी ही डालें क्योंकि विवरण में किसी तरह का भी मिलान नहीं होने पर आयकर विभाग आपके रिटर्न को खारिज कर सकता है.
आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को याद रखना भी है जरूरी
सरकार ने कोविड-19 से जुड़ी परिस्थितियों को देखते हुए आकलन वर्ष 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया है. इसके बाद आयकर रिटर्न भरने पर आपको जुर्माना देना पड़ेगा. सरकार ने पिछले साल आयकर अधिनियम में एक नया खंड शामिल किया, जो देरी से रिटर्न दाखिल करने पर अधिकतम 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान करता है.
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