जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन में जाट महापंचायत ने सामाजिक कुरीतियों को ख़त्म करने की एक अनोखी पहल की है. इस महापंचायत में मृत्यु भोज, बाल विवाह, नशे के साथ ही शादियों में डीजे पर भी रोक लगा दी गई है. जाट महापंचायत ने इन सामाजिक बुराइयों की निगरानी रखने के लिए 21 लोगों की टीम बनाई है. दरअसल, रेगिस्तानी इलाके में मृत्यु भोज आयोजन के बाद जमकर नशा किया जाता है, मगर अब महापंचायत ने इस पर रोक लगा दी है.
इस महापंचायत में चौहटन मठ के महंत जगदीशपुरी, धरमपुुरी का धूणा पन्ननियो का तला महंत जगरामपुरी सहित जाट समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए और समाज में फैली कुरीतियों से समाज व लोगों पर पड़ रहे बुरे प्रभावों पर चिंतन करते हुए समाज सुधार के फैसले पारित किए. दरअसल, ग्रामीण इलाकों में जाट समुदाय किसी शख्स के मरने पर लाखों रुपये खर्च करता है. गरीब परिवार इस खर्चे के लिए ऋण लेता है और जिंदगी भर चुकाने में लगा रहता है. इससे परिवार की स्थिति और खस्ता हो जाती है.
बकदेवराम मिर्धा छात्रावास सदस्य देवीलाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि फैसलों पर निगरानी रखने के लिए 21 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है. समाज द्वारा लिए फैसले का स्वागत बाड़मेर ही नहीं पूरे राजस्थान में हर जगह हो रहा है
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