जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के एक मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने एक बयान में कहा है कि स्मार्ट सिटी की राह में रोड़ा बन रहे अतिक्रमणों को तुरंत ही हटाया जाए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि जबलपुर में नगर निगम कि राह रोक रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण को तोड़ने का रास्ता कोर्ट के इस आदेश के बाद पूरी तरह और भी साफ हो गया है.
इस मामले में जबलपुर हाई कोर्ट ने शुक्रवार अपने एक आदेश के तहत कहा है कि जबलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अवैध निर्माणों व अतिक्रमणों की उम्र न देखी जाए। चाहे वे 20 साल पुराने हों या फिर 100 साल पुराने, उन्हें तत्काल तोड़ दिया जाए। जबलपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजय माणिराव खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ शहर में अतिक्रमण हटाओ मुहिम की प्रगति रिपोर्ट पर सुनवाई की.
शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान की प्रगति पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने अपना पक्ष स्वयं रखा। तथा जबलपुर हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद हाईकोर्ट के आदेश की रोशनी में नगर निगम ने तत्काल प्रभाव से विक्रम होटल और उससे लगी दुकानों का सामान खाली करने 3 दिन की मोहलत दे दी है। इसके अलावा स्टेशन रोड स्थित विक्रम होटल से लगी शेष 5 दुकानों को मिला स्टे भी हाईकोर्ट ने समाप्त कर दिया।