कोलकाता : शुक्रवार को फिल्म बुद्धा इन ट्रैफिक जाम को लेकर कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी के लेफ्ट और राइट विंग के छात्र आपस में भिड़ गए। लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स नहीं चाहते थे कि अनुपम खेर स्टारर इस फिल्म की स्क्रीनिंग कैंपस में हो। स्क्रीनिंग की पहले परमिशन नहीं दी गई थी।
लेकिन शुक्रवार को जब मूवी दिखाई जाने लगी, तो हिंसा भड़क गई। इस फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री है, जिन्होने हेट स्टोरी को डायरेक्ट किया है। अग्निहोत्री ने कैंपस से ही ट्वीट कर कहा कि मेरी कार पर हमला हुआ है और उन्हें मदद की जरुरत है। बाद में मारपीट और हाथापाई में उनकी कंधे की हड्डी भी टूट गई।
बीजेपी की स्टूडेंट विंग इस फिल्म का समर्थन कर रही थी। जब कि लेफ्ट वाली पार्टियां एफएएस और डीएसएफ इसका विरोध कर रही थी। एफएएस का आरोप है कि हिंसा एबीवीपी से जुड़े थिंक इंडिया ग्रुप की वजह से हुई। उनका ये भी आरोप है कि घटना में कुछ बाहरी लोग शामिल थे जिन्होंने गर्ल्स के साथ छेड़खानी की। बाद में यूनिवर्सिटी के वीसी सुरंजन दास रात 10 बजे कैंपस पहुंचे।
इसके कुछ ही देर बाद बीजेपी की नेता रुपा गांगुली व कई औऱ नेता पहुंचे। वीसी के दखल के बाद बंधक बनाए गए स्टूडेंट्स के छुड़ाया जा सका। पुलिस ने देर रात चार के खिलाफ मामला दर्ज किया। इससे पहले फरवरी में भी कैंपस में जेएनयू मुद्दे को लेकर विवाद हुआ था।
अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि मेरी फिल्म का यहां जबर्दस्त विरोध हो रहा है। वे मेरी कार तोड़ रहे हैं। मुझे मदद की जरूरत है। रजिस्ट्रार आए और उन्होंने मेरी मूवी की पीसफुल स्क्रीनिंग रुकवा दी। लोगों ने वहां नारेबाजी शुरू कर दी। मुझ पर हमला किया, मेरी कार तोड़ दी, लेकिन आप मेरे जज्बे को कैसे तोड़ पाएंगे?
जादवपुर यूनिवर्सिटी में एक छोटी मूवी के चलते बवाल हो रहा है। मेरा कंधा तोड़ दिया गया है। लेकिन फिर भी मैंने मूवी दिखाई है। उन्होंने मेरी कार तोड़ने और मेरा कंधा तोड़ने का हक नहीं है। रजिस्ट्रार को भी इस तरह दखल देने का हक नहीं है।
जो मूवी उन्हें एक्सपोज करती है, वे उसके खिलाफ हिंसक हो जाते हैं। कुछ स्टूडेंट्स अस्पताल पहुंच गए हैं। दरअसल फिल्म में कुछ कंटेंट ऐसे है, जो कॉलेज छात्रों से जुड़े हुए है।