भारत को आस्थाओं का देश कहा जाता है. यहां हर गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले आपको मंदिर देखने को मिल जाएंगे. भारत में कई ऐसे मंदिर भी मौजूद हैं, जो अपने साथ कई रहस्य को समेटे हुए हैं. इन्ही में से एक मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर में बना हुआ है, जो बारिश की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए पहचाना जाता है. कहा जाता है कि अगर बारिश होने वाली हो तो इस मंदिर की छत चिलचिलाती धूप में भी टपकने लगती है और बारिश की शुरुआत होते ही इसकी छत से पानी का टपकना बंद होने लगता है.
बता दें कि यह मंदिर कानपुर के भीतरगांव विकासखंड से ठीक तीन किलोमीटर दूर बेहटा गांव में मौजूद है और यह भगवान जगन्नाथ के अति प्राचीन मंदिरों में से एक भी माना जाता है. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और सुभद्रा की काले चिकने पत्थरों की मूर्तियां विराजमान हैं. यहां बड़ी संख्या में भक्तजन दर्शन के लिए आते है. साथ ही मंदिर के प्रांगण में सूर्यदेव और पद्मनाभम की मूर्तियां भी विराजमान हैं.
यहां पर जगन्नाथ पुरी की तरह स्थानीय लोगों द्वारा भगवान जगन्नाथ की यात्रा बड़ी धूम-धाम से निकाली जाती हैं और लोगों की आस्था मंदिर के साथ काफी लंबे समय से जुड़ी हुई है. यहां के निवासियों का कहना है कि बारिश होने के छह-सात दिन पहले मंदिर की छत से पानी की बूंदें टपकना शुरू हो जाती और इतना ही नहीं, वो ये भी बताते हैं कि जिस आकार की बूंदें टपकती हैं, ठीक उसी आधार पर पानी भी बरसता है. इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि वैज्ञानिक भी भगवान की इस लीला के आगे नतमस्तक हो गए. मंदिर के पुजारी का कहना है कि पुरातत्व विभाग के लोग और वैज्ञानिक कई बार यहां आए, लेकिन उन्हें यहां से खाली हाथ ही जाना पड़ा.
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