मनोरंजन जगत के प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह का जन्म आज ही के दिन सन 1941 को हुआ था। आप सभी को बता दें कि जगजीत सिंह को उनकी बेहतरीन आवाज के लिए जाना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्हें बी ग्रेड सिंगर का दर्जा दिया गया था। जी हाँ और उस दौरान वह अपना पेट भरने के लिए शादी और पार्टियों में गाना गाया करते थे। कहा जाता है अपने संघर्ष के दिनों में, जगजीत सिंह को मनोरंजन जगह से जुड़ने का पहला मौका एक्टिंग के जरिए मिला। सबसे पहले उन्हें एक गुजराती फिल्म में नायक की भूमिका निभाने का ऑफर दिया गया था, हालाँकि जगजीत सिंह ने विनम्रता से इस ऑफर को ठुकरा दिया क्योंकि वह गायन में आगे बढ़ना चाहते थे। उस समय उन्होंने उस फिल्म में एक गुजराती भजन जरूर गाया था।
कहा जाता है वह मो। रफ़ी को अपना आदर्श मानते थे और वह जालंधर में ऑल इंडिया रेडियो पर रफ़ी के गीत गाते थे। आप सभी को बता दें कि जगजीत और चित्रा सिंह ने एक बहुत ही साधारण समारोह में शादी की जो केवल दो मिनट तक चली और उसकी कीमत सिर्फ ₹30 थी। कहा जाता है जगजीत सिंह के पिता ने बहुत कम उम्र में उनकी प्रतिभा को पहचान लिया था, हालाँकि इसके बावजूद उन्होंने जगजीत सिंह को इंजीनियरिंग करने के लिए मना लिया। वहीं उसके बाद में, उनके पिता ने यूपीएससी परीक्षा देने के लिए भी जगजीत सिंह पर जोर डाला था।
कहा जाता है यह सब होने के बाद जगजीत सिंह ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए करना शुरू किया, लेकिन लगभग दो साल तक पढ़ाई करने के बाद भी वह कभी भी इस कोर्स को पूरा नहीं कर पाए। इस दौरान वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को बताए बिना 1965 में मुंबई आ गए। वहीं मुंबई (तब बॉम्बे) में अपने शुरुआती दिनों में, जगजीत सिंह ने जिंगल्स की रचना की और अपना जीवन यापन किया और वह फिल्मों में ब्रेक पाने की उम्मीद में फिल्म पार्टियों में गाना गाने लगे। इसी के साथ उन्होंने डबिंग आर्टिस्ट के रूप में भी काम खोजने की कोशिश की लेकिन किस्मत उनके साथ नहीं थी।
आपको बता दें कि जगजीत सिंह 1987 में 'बियॉन्ड टाइम' शीर्षक से एक डिजिटल एल्बम रिकॉर्ड करने वाले पहले भारतीय संगीतकार थे। वहीं साल 1982 में, उनके संगीत कार्यक्रम, 'लाइव एट रॉयल अल्बर्ट हॉल' के टिकट तीन घंटे में बिक गए। आपको बता दें कि उनके निधन के बाद 2014 में भारत सरकार ने जगजीत सिंह के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था।
आखिर क्यों लता मंगेशकर को अलविदा देने नहीं गए धर्मेंद्र, किया रुला देने वाला खुलासा
हादसे में अपनी इस दौलत को गवाने के बाद जगजीत सिंह ने छोड़ दी थी गायकी
शाहरुख़ के सपोर्ट में बोलीं उर्मिला- 'थूकना नही दुआओं को फुँकना कहते हैं।'