'तुमको देखा तो ये ख्याल आया', 'वो कागज़ की कश्ती', ‘होंठों से छू लो तुम’ जैसी और भी कई ग़ज़ल सुनते ही व्यक्ति का मन खुश हो जाता है. और सभी के मन को खुश करने वाले कोई और नहीं बल्कि ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह ही है. 8 फरवरी 1941 में राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह का आज 77 वां जन्मदिन है. जगजीत सिंह ने अपने करियर में सैकड़ो ग़ज़ल गाई है और उनकी हर ग़ज़ल में एक अलग ही अहसास होता है. अपनी ग़ज़ल में शब्दों से साथ खेलना उन्हें बहुत अच्छे से आता था. जगजीत सिंह की ग़ज़ल के हर शब्द सुनने वाले के जहन में बस जाते थे. ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशो तक उनकी ग़ज़ल के बड़ी मात्रा में प्रशंसक है.
गायकी के अलावा जगजीत सिंह रेडियो एड भी करते थे. एक बार जब वो रेडियो एड की रिकॉर्डिंग कर रहे थे इस दौरान उनकी मुलाकात चित्रा सिंह नाम की लड़की से हुई थी. चित्रा को जगजीत सिंह की आवाज भारी लगती थी जिस वजह से उन्होंने जगजीत के साथ गाने से मना कर दिया था. लेकिन कुछ ही दिनों में दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई थी और फिर ये दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और दोनों ने जीवनभर के लिए एकदूसरे का हाथ थाम लिया. लेकिन शादी के बाद कुछ ऐसा हादसा हुआ जिसने जगजीत को कुछ वक्त के लिए बिलकुल ही खामोश कर दिया था.
ये हादसा साल 1990 का है. जगजीत सिंह और चित्रा का एक बेटा विवेक था. एक कार हादसे के दौरान उनके बेटे की मौत हो गई थी. बेटे की मौत से जगजीत के दिल पर इतना गहरा सदमा लगा था कि वो अचानक ही खामोश हो गए थे और लगभग छ महीने तक जगजीत सिंह ने गायकी छोड़ दी थी. इतना ही नहीं बेटे की मौत के गम में चित्रा को भी इतना गहरा सदमा लगा था कि उन्होंने तो हमेशा के लिए ही गायकी छोड़ दी. हालाँकि जगजीत सिंह ने फिर कुछ समय में उभरकर फिर से अपनी गायकी शुरू कर दी थी.
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