नईदिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि टैक्स का प्रबंधन करने के लिए भारत को निचले स्तर पर जाने की आवश्यकता है। दरअसल केंद्रीय वित्तमंत्री ने कराधान को लेकर उपस्थितों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र में हमारी जो सेवाऐं हों वे वैश्विक स्तर से प्रतिस्पर्धा करने वाली हों यदि ऐसा होता है तब हम टैक्सेशन में परिवर्तन ला सकेंगे। दरअसल राष्ट्रीय अकादमी के आंतरिक राजस्व सेवा अधिकारियों के करीब 68 वें बैच के पेशेवर प्रशिक्षण के शुभारंभ सत्र को उपस्थितों ने संबोधित किया।
इस मामले में यह जानकारी सामने आई है कि सरकार द्वारा टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रूपए तक किया जा सकता है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि टैक्स छूट की सीमा 2 लाख पचास हजार रूपए कर दी गई है। इतना ही नहीं टैक्स स्लैब में परिवर्तन हो जाता है तो फिर 4 लाख रूपए तक की आय पर कम टैक्स दिया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि शेयर की खरीद में पूंजीगत लाभ पर कर लगाने की सरकार की कोई तैयारी नहीं है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष तौर पर इस तरह का बयान नहीं दिया। जिसके कारण यह कहा जा रहा है कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने का आधार नहीं है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से मंत्री स्तर पर इस मामले में कुछ भी नहीं कहा है और सरकार भी इस तरह का प्रबंधन करती नज़र नहीं आ रही है।
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