तमिलनाडु में पोंगल के दिन जल्लीकट्टू का आयोजन हो रहा है। आज पोंगल का त्यौहार है और इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड-19 गाइडलाइन के साथ इस पारंपरिक प्रतियोगिता के आयोजन की तैयारी दी गई है। आप सभी को बता दें कि तमिलनाडु सरकार की ओर से जारी एसओपी के अनुसार, जितनी बैठने की क्षमता होगी उसके 50 प्रतिशत को ही महोत्सव में शामिल होने की इजाजत है। वहीँ गाइडलाइन में सरकार ने खेल के दौरान 150 दशकों की ही अनुमति दी है। इसी के साथ ही साथ महोत्सव में शामिल होने वालों के लिए दोनों डोज वैक्सीन लेना या फिर आरटी पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य होगी। वहीं आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट 48 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। आप सभी जानते ही होंगे कि तमिलनाडु में पोंगल के दिन जलीकट्टू का आयोजन होता है।
Another Video of Our Celebrations in Jallikattu...
— VAMSI KRISH CHOW (@VamsiKrishChow) January 6, 2022
Ox Venaka Flags teeskochina vaalalo Blue T-shirt Nene@tarak9999 Fans Mass Hungama
**CEEDED KING NTR **#ManOfMassesNTR #Chandragiri #Jallikattu pic.twitter.com/zuiEW2scuw
The way he stands turns around and gives that stare THATS the sign of a true blue #Jallikattu Champion https://t.co/RR1HHIcEl8
— Dr. T R B Rajaa (@TRBRajaa) January 13, 2022
इसमें बैलों की सिंगों पर सिक्कों की थैली को बांध दिया जाता है और फिर उनको भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए ताकि लोग बैलों को पकड़कर सिक्कों की थैली ले सकें। जो व्यक्ति बैल पर काबू पा लेता है, उसको इनाम दिया जाता है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि इस खेल से पहले बैलों को खूंटे से बंधकर उकसाया जाता है। केवल यही नहीं बल्कि इस खेल को लेकर विवाद हो चुका है। जी दरअसल इस खेल में बैलों को उकसाने के लिए उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
#Jallikattu is a great festival of india https://t.co/sHsHSVi2O8
— bajju (@yoddhahindkaa) January 14, 2022
इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालाँकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोग काफी नाराज थे और फिर अपील करने पर कोर्ट ने जल्लीकट्टू की अनुमति दे दी। फिलहाल त्यौहार को मनाने के लिए और जल्लीकट्टू के लिए बैल तैयार हैं जो आप इन वीडियो में देख सकते हैं।
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