जमात ए इस्लामी ने खुद स्वीकारी हिन्दुओं के घरों-मंदिरों पर हमले की बात, भारत के वामपंथी कह रहे- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षित !

जमात ए इस्लामी ने खुद स्वीकारी हिन्दुओं के घरों-मंदिरों पर हमले की बात, भारत के वामपंथी कह रहे- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षित !
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ढाका: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश में फैले व्यापक विरोध प्रदर्शनों और गृह युद्ध जैसी स्थितियों के बीच राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है। हालात इतने खराब हो गए कि शेख हसीना को अपने देश से भागकर भारत आना पड़ा। बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने घोषणा की है कि देश को राजनीतिक अस्थिरता से बाहर निकालने और शांति स्थापित करने के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा।

 

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों पर बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं। हालाँकि, भारत में मोहम्मद जुबैर जैसे इस्लामवादी और वामपंथी, फैक्ट चेक के नाम पर ये झूठ फैलाने में लगे हुए हैं कि, बांग्लादेश में हिन्दू सुरक्षित हैं और मुसलमान खुद उनके घर- मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं। जबकि बांग्लादेशी अख़बार 'द डेली स्टार' खुद कह रहा है कि पूरे देश में हिन्दुओं पर हमले हुए हैं। अब बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने एक बयान जारी कर हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की बात स्वीकार कर ली है। 

 

जमात ए इस्लामी ने कहा कि कुछ व्यक्तियों के भड़काऊ भाषण के कारण उपद्रवियों ने शहरों, बंदरगाहों और गांवों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। गौर करें कि, जमात ए इस्लामी खुद इन लोगों को उपद्रवी कह रहा है, जबकि भारत के विपक्षी नेता और वामपंथी इसे जन आंदोलन बताकर अपने देश की सरकार को निशाना बना रहे हैं। जमात ए इस्लामी ने अपने बयान में आगे कहा है कि, ये सच है कि, सरकारी इमारतों, विरोधियों के घरों और पूजा स्थलों पर हमले हुए हैं, लूटपाट और आगजनी की घटनाएँ भी हुई हैं। दिखावे के लिए ही सही, लेकिन जमात-ए-इस्लामी ने इन हरकतों की निंदा की है। क्योंकि भारतीय मीडिया भले ना दिखाए, लेकिन सोशल मीडिया बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्यचारों से भरा पड़ा है और इसे आँख मूंदकर झुठलाया नहीं जा सकता। आंदोलन के नाम पर किस तरह बांग्लादेश में कट्टरपंथ पनप रहा है, ये सबके सामने है। 

 

बांग्लादेश के प्रमुख अखबार 'द डेली स्टार' के अनुसार, देश के कम से कम 27 जिलों में भीड़ ने हिंदू घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले किए, तोड़फोड़ और आगजनी की, और सामान लूट लिया। ढाका के धनमंडी में, सिंगर राहुल आनंद के घर में आग लगा दी गई। यह घर करीब 140 साल पुराना था। शरीयतपुर में धानुका मनसा बारी मंदिर में भीड़ ने राधा-कृष्ण की मूर्तियों को खंडित कर दिया और मंदिर परिसर में लगे सभी 16 सीसीटीवी कैमरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

 

इसके अलावा, पार्बतीपुर उपजिला में एक काली मंदिर सहित पांच मंदिरों पर हमला किया गया। दिनाजपुर श्मशान घाट में भी उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। चिरिरबंदर उपजिला में कुछ हिंदू परिवारों के घरों पर हमला हुआ, और हरिशोभा के लिए निर्धारित स्थान पर भी तोड़फोड़ की गई। प्रभावित ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बीरमपुर उपजिला में, फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड का बिजनेस करने वाले दिलीप कुंडू के घर पर हमला किया गया और उनकी दुकानों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और लूटपाट की।

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