नई दिल्ली: जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा और कश्मीरियों को हमवतन करार दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद की सामान्य परिषद की बैठक ली गई. इस मीटिंग में कश्मीर को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया. इस दौरान जमीयत ने कहा कि कोई अलगाववादी आंदोलन न सिर्फ मुल्क, बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी नुकसानदायक है.
जमीयत ने अपने प्रस्ताव में कहा कि, हमें लगता है कि कश्मीरी आवाम के लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है. फिर भी, यह हमारा पक्का विश्वास है कि उनका कल्याण भारत के साथ मिलकर रहने में ही निहित है. दुश्मन ताकतें और पड़ोसी मुल्क, कश्मीर को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने मुलाकात की थी. इस पर कई विपक्षी पार्टियों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई थी.
इसके बाद अरशद मदनी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया था कि देश हित के लिए साथ मिलकर काम करने पर विचार विमर्श हुआ था. अभी हाल में कश्मीर से धारा 370 हटाई गई है. इसके विरोध में कई विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों के बयान आए हैं. पाकिस्तान भी खुलकर इसकी खिलाफत कर रहा है. ऐसे में जमीयत का यह बयान केंद्र की मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है.
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