नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल कि बशीरहाट लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद नुसरत जहां के मंगलसूत्र पहन और सिंदूर लगाकर संसद में जाने का मामला दिनों दिन तूल पकड़ता जा रहा है. सोशल मीडिया पर बहस छिड़ने के बाद अब सहारनपुर स्थित उलेमा का कहना है कि शरीयत किसी के व्यक्तिगत जीवन में दखलअंदाजी दिए जाने की कतई अनुमति नहीं देता है.
वहीं, इस मामले पर जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक और विख्यात आलिम-ए-दीन कारी इस्हाक गोरा ने कहा है कि शरीयत कतई इसकी अनुमति नहीं देता कि कोई भी शख्स किसी के निजी जीवन में दखलअंजादी करें. नुसरत जहां खुद को मुसलमान समझती हैं या नहीं, ये बात या तो वह खुद जानती हैं या अल्लाह जानता है. किन्तु इस मामले में किसी को कुछ भी कहने को हक़ नहीं है. उन्होंने कहा है कि आज के दौर में प्रत्येक इंसान समझदार है उसको स्वयं मालूम है कि उसने गलत किया है या फिर सही.
यह वास्तविकता है कि इंसान अपने आमाल से इस्लाम में रहता है और खुद अपने तौर तरीकों के चलते ही वह इस्लाम से खारिज हो जाता है. शरीयत में आया है कि इंसान के अपने आमाल उसके खुद और अल्लाह के बीच रहते हैं.. आपको बता दें कि हाल ही में बंगाल की युवा सांसद नुसरत जहां ने जैन रीति रिवाज से अपने मित्र और कारोबारी निखिल जैन से शादी रचाई है. पहली बार वह संसद में पहुंची तो मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहने हुई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मंगलसूत्र पहनने पर नुसरत जहां के खिलाफ जारी हुआ फतवा, मौलवियों पर भड़की साध्वी प्राची
प्रियंका वाड्रा का सीएम योगी पर हमला, कहा- क्या अपराध के आगे यूपी सरकार ने कर दिया समर्पण
हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी, विजयवर्गीय बोले- INC का नाम 'इस्तीफा नेशनल कांग्रेस' कर दो