नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने वालों में अहम चेहरे के रूप में शामिल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शुक्रवार को वापस दिल्ली लौट औये हैं। एनएसए डोभाल इस धारा के हटने के बाद 11 दिन तक कश्मीर में डटे रहे। वह प्रतिदिन सुबह-शाम संबंधित सुरक्षा अधिकारियों से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर इनपुटस लिया करते थे। वह सभी से उनके कार्याधिकार क्षेत्र की स्थिति पर उनकी राय लेते और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए तत्कालिक परिस्थितियों के आधार पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना को अंतिम रूप देते। वह छह अगस्त को कश्मीर पहुंचे थे।
कश्मीर यात्रा के दौरान उन्होंने आतंकियों का गढ़ कहलाने वाले दक्षिण कश्मीर के शोपियां का भी दौरा किया। उन्होंने स्थानीय लोगों के अलावा सुरक्षाबलों से मुलाकात की। वह अनंतनाग, कुलगाम और पांपोर भी गए। इसके अलावा उन्होंने उत्तरी कश्मीर के बारामुला का भी दौरा किया। ग्रीष्मकालीन राजधानी में अलगाववादियों और पत्थरबाजों के गढ़ डाउन-टाउन के विभिन्न भागों में भी उन्होंने बिना किसी सुरक्षा कवच के चक्कर लगाया। उन्होंने स्थानीय युवकों से मौजूदा हालात, केंद्र सरकार के फैसले पर बातचीत की।
अजीत डोभाल ने कश्मीर में तैनात पुलिस, सीआरपीएफ , सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकों में भाग लेने के अलावा उनकी संयुक्त बैठकों को भी संबोधित किया और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त हिदायत दे रखी थी कि वह किसी भी सूरत में नागरिक जनहानि से बचने की कोशिश करें। सरकार ने सुरक्षा के कारण कई चीजों पर पाबंदी लगा रखी है।
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