श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में राजनीति ने अब एक नया ट्विस्ट आ गया है, यहां किसी जमाने में एक-दूसरे की चिर प्रतिद्वंदी रही पार्टियां, उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी अब कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की योजना बना रही हैं. इन सबके बीच गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा राज्य में सभी विधायकों की एक अहम मीटिंग रखी गई है. जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने इस बैठक की पुष्टि की है.
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भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि आज सभी विधायकों की एक अहम मीटिंग रखी गई है, इस मीटिंग में पार्टी अपने अगले कदम के बारे में विचार विमर्श करेगी. रैना ने कहा कि पार्टी चाहती है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों को अगले वर्ष होने वाले संसदीय चुनावों के साथ में ही कराया जाए. उल्लेखनीय है कि बुधवार को जब पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस के साथ मिलकर घाटी में सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने रात में ही विधानसभा को भंग कर दिया, जिसके बाद अब जम्मू कश्मीर में अगले वर्ष दिसंबर में विधानसभा चुनाव होंगे और सत्ता का फैसला होगा.
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पीडीपी से अलग दो विधायकों वाली पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल के सामने बीजेपी और दो और विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं राज्यपाल सत्यपाल मलिक की ओर से विधानसभा भंग करने कि जो वजहें बताई गई है, उनमें सबसे अहम सुरक्षा व्यवस्था को बताया गया है. उन्होंने कहा कि सभी दल बहुमत के आधार पर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन घाटी की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यहां स्थाई सरकार की जरुरत है, जिसके लिए चुनाव ही सही है.
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