इस्लामबाद: कोरोना संकट के बीच 9167 करोड़ की राशि से तैयार होने वाली प्रदेश की पहली मल्टीपर्पज परियोजना की सबसे जरुरी कड़ी में जनसुनवाई गुरुवार को रखी जा रही है. जंहा मांडली में गुरुवार सुबह 11:00 बजे होने वाली इस जनसुनवाई के बीच JKPDP, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होने वाले है. संशोधित DPR को बीते माह मिली मंजूरी के बाद यह बड़ी कवायद है जिससे इस परियोजना को अमलीजामा पहनाए जाने का रास्ता साफ़ हो जाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार भद्रवाह में कैलाश पर्वत से आरंभ होने वाला उज्ज दरिया जम्मू विभाग में 100 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पाक के नैनकोट में जाकर मिल जाता है. पीएमओ कार्यालय के विघ्न के बाद इस परियोजना के पूर्व कि योजना को बदलते हुए 100 प्रतिशत पानी को जम्मू कश्मीर में उपयोग करने पर काम किया गया है. परियोजना के पूरा होने के उपरांत जम्मू-कश्मीर से पाक की ओर जाने वाले उज्ज दरिया के 95 प्रतिशत तक पानी को रोका जाने वाला है. रावी दरिया पर शाहपुर कंडी परियोजना के तैयार होने के बाद रावी दरिया भी पाक की ओर से लगभग सूख सकता है.
ऐसे में पाक पर भारत की बड़ी रणनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक कही जा रही है. सूत्र, दुनियारी, खड्ड, भिनी और तलयान का पंचतीर्थी में संगम उज्ज में पानी के वेग को और भी तेज कर देता है. इसी स्थान से इस परियोजना को बनाना शुरू किया जाना प्रस्तावित है. उज्ज मल्टीपर्पज परियोजना से सांबा और कठुआ जिले के कंडी इलाकों की 24000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाएगी. पहले जहां 16000 हेक्टेयर की सिंचाई का प्रावधान था वहीं अब इसे 8000 हेक्टेयर बढ़ चुका है. जिसमे बिलावर की लिफ्ट सिंचाई योजनाओं को भी शामिल कर दी गई है.
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