गुलाम नबी के 'कांग्रेस' छोड़ने से आतंकी क्यों बौखलाए ? 'आज़ाद' को मिल रही धमकियां

गुलाम नबी के 'कांग्रेस' छोड़ने से आतंकी क्यों बौखलाए ? 'आज़ाद' को मिल रही धमकियां
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद को अब एक आतंकी संगठन ने धमकी दी है। इस संगठन ने धमकी वाले पोस्टर सोशल मीडिया पर भी शेयर किए हैं। बता दें कि, यह आतंकी धमकियां उन्हें उस समय दी गई हैं, जब कि गुलाम नबी ने अपने मिशन कश्मीर के लिए घाटी में कई जगहों पर रैली आयोजित करने की योजना बनाई है। इन पोस्ट में लिखा हुआ है कि, ‘एक गद्दार के दिल में कभी भी वफादारी नहीं होती। सिर्फ भरोसेमंद दिखने का झूठा एक्ट है।’ आतंकियों की इस पोस्ट में आजाद को ‘राजनीतिक गिरगिट’ भी कहा गया है।

यह धमकी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े संगठन द रेसिसटेंस फ्रंट (TRF) ने दी है। इस पोस्टर में लिखा है कि आजाद का कांग्रेस छोड़ना और कश्मीर की सियासत में ऐसे एंट्री लेना कोई इत्तेफाक नहीं है। इसमें आगे लिखा है कि कांग्रेस छोड़ने से पहले आजाद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस से त्यागपत्र दिया है। वह पार्टी के नेतृत्व से बेहद परेशान थे और उन्होंने इस दौरान राहुल गांधी पर कई इल्जाम लगाए थे। आजाद ने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी को बचकाना और अपरिपक्व बताया था। 50 वर्षों तक कांग्रेस के लिए अपना खून पसीना बहाने वाले आज़ाद ने कहा था कि पार्टी में अनुभवी लोगों की कोई पूछ परख नहीं है। यही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया था कि जो भी पार्टी का नया अध्यक्ष होगा वह कठपुतली होगा। हालांकि, सियासी गलियारों में अब ये चर्चाएं चल रहीं हैं कि गुलाम नबी के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के नेता तो उनपर हमलावर हुए ही, लेकिन आतंकवादियों को कांग्रेस से क्या हमदर्दी है, जो वे जम्मू कश्मीर के वफादार नेता को धमकियां दे रहे हैं।   

बता दें कि, आजाद ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद जम्मू-कश्मीर का रुख किया है। वह राज्य की सियासत में काफी सक्रिय नज़र आ रहे हैं। सूबे के कई दिग्गज नेताओं ने भी इनके समर्थन में कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था। आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की घोषणा भी कर दी है और जल्द ही वह इसके नाम और चुनाव चिन्ह का भी ऐलान करने वाले हैं। पार्टी छोड़ने के बाद आजाद राजनीति में काफी एक्टिव नज़र आ रहे हैं। वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह अपने समर्थकों के साथ राज्य के चुनाव में शामिल होंगे। 

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