श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने अपने छह कर्मचारियों को आतंकियों से ताल्लुक रखने और ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करने के लिए बर्खास्त कर दिया है. बता दें कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. इसी संबंध में कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने आदेश भी जारी किया था, जिसमें देशद्रोहियों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारियों की नौकरी जाने की चेतावनी दी गई थी.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत मामलों की छानबीन और सिफारिश करने के लिए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में नामित समिति ने आतंकवादी सम्बन्ध रखने और OGW रूप में कार्य करने के लिए सरकारी सेवा से 6 कर्मचारियों को बर्खास्त करने की सिफारिश की. जिन 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है, उनमें कश्मीर घाटी के अनंतनाग के प्रोफेसर हमीद वानी शामिल है. वानी पर इल्जाम है कि नौकरी में आने से पहले वो आतंकी संगठन अल्लाह टाइगर के जिला कमांडर के तौर पर काम कर रहे थे.
इसके साथ ही जमात-ए-इस्लामी के सहयोग से उन्हें यह सरकारी नौकरी प्राप्त हुई थी. वानी पर यह भी आरोप है कि 2016 में बुरहान वानी को ढेर किए जाने के बाद वह देश विरोधी गतिविधियों के लिए कश्मीर में चलाए जा रहे चलो कार्यक्रमों के प्रमुख वक्ताओं में से एक थे. इसके साथ ही जम्मू के किश्तवाड़ जिले के जफर हुसैन भट्ट को भी सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने की अनुशंसा की गई है.
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