वाशिंगटन: अमेरिका के ओक्लाहोमा राज्य विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एमिरेट्स सुभाष काक को भारत के महावाणिज्यदूत डॉ अनुपम रे ने पद्म श्री से सम्मानित किया है. बता दें कि पद्म श्री भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. रे ने उप महावाणिज्य दूत सुरेंद्र अधाना के साथ प्रोफेसर काक को मेडल एवं उद्धरण सौंपा. काक मार्च में पुरस्कार वितरण समारोह में भारत नहीं आ पाए थे.
72 वर्ष के काक ने कहा कि, ‘‘ मैं पद्म श्री पाकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं. भारत पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है और पहले से ही पीपीपी (खरीद क्षमता) में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अंतरराष्ट्रीय शक्ति के रूप में भारत के विकास में शामिल होना और परिवर्तन का हिस्सा बनना बेहद अच्छा है.’’
आपको बता दें कि काक मूल रूप से श्रीनगर के निवासी हैं. उन्होंने श्रीनगर के क्षेत्रीय इंजनीरियंग कॉलेज (अब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर) से बीई किया. 1970 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से पीएचडी की शिक्षा ग्रहण की है. वह 1975-1976 में लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में अतिथि शिक्षक थे, जबकि मर्रे हिल की बेल लेबोरेट्रीज में अतिथि शोधकर्ता रहे. इसके साथ ही वे 1977 में बंबई स्थित टाटा इंस्टि्टयूट ऑफ फंडलमेंटल रिसर्च में अतिथि शोधकर्ता रहे थे.
बीजिंग से कोई एक इंच जमीन भी नहीं छीन सकता, हम किसी का दखल स्वीकार नहीं करेंगे - चीन
इन खिलाड़ियों के दम पर पाकिस्तान ने दी इंग्लैंड को करारी शिकस्त
पाकिस्तान और इंग्लैंड के रोमांचक मुकाबले में लगी रिकॉर्डस की झड़ी