श्रीनगर: जम्मू कश्मीर राज्य वर्तमान में आतंक के साए में जीने को मजबूर है, जनता के साथ-साथ अब पुलिसकर्मियों पर भी आतंकवादियों के खौफ मंडराने लगा है. आतंकी संगठन द्वारा तीन पुलिस कर्मियों की हत्या करने के बाद अब राज्य में चार स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) ने आतंकियों के डर से अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है.
जम्मू कश्मीर: बांदीपोरा मुठभेड़ में 2 और आतंकी ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने पुलिसकर्मियों से इस्तीफा देने या मरने के लिए तैयार रहने की धमकी दी थी, हिज्बुल के धमकी भरे पोस्टर जम्मू-कश्मीर के कई गांव में लगाए गए थे और सोशल मीडिया पर विडियो भी वायरल किए जा रहे थे. आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने इस वीडियो में कहा था कि जो लोग पुलिस में नौकरी कर रहे हैं, वे चार के दिन के अंदर अपना इस्तीफा दें, नहीं तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें. इसके ही अगले दिन आतंकियों ने 3 एसपीओ सहित 4 पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया था, जिनमे से तीन के शव आज सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद किए गए हैं, जबकि एक लापता है.
क्या बैठक से निकल पाएगा हल ?
आपको बता दें कि गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने ट्वीट करते हुए कहा था कि सुषमा स्वराज और शाह मेहमूद कुरैशी अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि पीएम मोदी ने इमरान खान के बैठक के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक ओर भारतीय जवान आतंकियों के कारण खौफ में जीने को मजबूर हैं और भारत सरकार पाकिस्तान के साथ अब भी वार्तालाप का जरिया अपना रही है, जबकि ये बात जगजाहिर है कि इन आतंकियों की पनाहगाह पाकिस्तान ही है.
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