श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मौजूद प्रदेश की सबसे बड़ी मस्जिद जामिया में शुक्रवार (8 अप्रैल 2022) की नमाज के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा ‘आजादी’ और ‘भारत विरोधी नारे‘ लगाए गए। जुमे की नमाज के लिए जमा हुई भीड़ आजादी वाले नारे लगा रही थी और जाकिर मूसा का समर्थन कर रही थी। बता दें कि जाकिर मूसा (Zakir Musa) आतंकी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद का प्रमुख था, जिसे मई 2019 में एक मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना ने मार गिराया था।
Hum kya chahte Azaadi
— Ashraf Wani اشرف وانی (@ashraf_wani) April 8, 2022
slogans in Historic Jammia mosque of #Srinagar after Friday prayers #Kashmir pic.twitter.com/mUGwuBvfvI
पत्रकार अशरफ वानी ने जामिया मस्जिद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें इस्लामिक कट्टरपंथियों को भारत से अलग होने के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। वानी द्वारा साझा किए गए वीडियो में मुस्लिमों को आजादी के नारों के साथ ही ‘नारा ए तकबीर, अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, आजादी के नारों के साथ मस्जिद के बाहर पथराव भी किया गया, जहाँ सुरक्षा के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF जवानों को तैनात किया गया था। हालाँकि, जिस प्रकार से शुक्रवार को सुरक्षाबलों पर पथराव किया गया, वह अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को रद्द किए जाने के बाद से एक दुर्लभ घटना है।
बहरहाल, जैसे ही कट्टरपंथियों ने पथराव शुरू किया, तो उसके फ़ौरन बाद एक्शन में आए लॉ एन्फोर्समेंट अधिकारियों ने भीड़ को खदेड़ दिया। इससे पहले गत माह CRPF के डीजी कुलदीप सिंह ने इस बात को स्वीकार किया था कि जब से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 रद्द की गई है, तब से घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आई है। 16 मार्च 2022 को CRPF के 83वें स्थापना दिवस समारोह से पहले की गई DG परेड के अवसर पर उन्होंने कहा था कि, 'धारा 370 के रद्द होने के बाद पथराव की घटनाएँ लगभग शून्य हो गई हैं।' लेकिन, जामा मस्जिद में शुक्रवार को हुई घटना ने फिर से यह सवाल पैदा कर दिया है कि क्या घाटी में इस्लामिक चरमपंथ फिर से सिर उठाने लगा है ?
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