जम्मू विश्व विद्यालय के तीन प्रोफेसरों को नाराजगी वाले पत्र भेजने के बाद, स्थिति उस समय खराब हो गई जब एक प्रोफेसर अपने घर में ज्यादा परेशान हो गया और अचानक उनकी सेहत खराब हो गई. वो किसी तरह का कोई कदम उठाते, इस से पहले ही उनके परिजनों ने स्थिति देख उन्हें संभल लिया. इस दौरान मामले कि गंभीरता को देखते हुए वीसी ने आनन फानन में कैंपस के डीन की बैठक बुलाई और नाराजगी वाले पत्र के आर्डर को ठंडे बस्ते में डालने के आदेश दे दिए. कोरोना महामारी के चलते जम्मू विवि बंद है. परन्तु प्रशासनिक कामकाज किये जा रहे है.
वही जम्मू विवि द्वारा तीन प्रोफेसरों को उनके द्वारा किये कार्य को लेकर नाराजगी के पत्र भेजे गए थे. इनमें जियोलॉजी विभाग के प्रो. जीएम भट्ट, प्रो एसके पंडिता और डा. युद्धवीर सिंह शामिल है. मामला यह है कि दिसंबर 2019 में जम्मू विवि के जियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एएस जसरोटिया को हटाने के लिए प्रो. जीएम भट्ट ने धरना दिया था. उनके साथ विभाग के प्रो. एसके पंडिता और युद्धवीर सिंह भी थे. तब प्रो. जसरोटिया को हटाया गया था और वीसी ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई थी. बता दे, कि अभी सम्पूर्ण देश में कोरोना महामारी के चलते कॉलेज व यूनिवर्सिटी बंद है. परन्तु वहा के कार्य किये जा रहे है.
इस दौरान फरवरी 2020 में तीनों प्रोफेसरों को कारण बताओ नोटिस दिया गया जिसका जवाब तीनों ने दे दिया. कारण बताओ नोटिस से संतुष्ट नहीं हुए जम्मू विवि प्रबंधन ने एक जुलाई को तीनों को नाराजगी का पत्र सौंप दिया. प्रो. जीएम भट्ट ने कहा कि मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और आर्डर को वापस लिया जाए. इसी दौरान एक प्रोफ़ेसर कि सेहत ख़राब हो गई. परन्तु समय रहते उन्हें संभल लिया गया.
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