जम्मू: बीते कुछ समय में देश के कई क्षेत्रों में भारी बदलाव हुआ है इस बीच केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख संयुक्त उच्च न्यायालय का नाम परिवर्तित करके अब ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट’ कर दिया गया है। इस बाबत शुक्रवार को एक आदेश अधिसूचित कर दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस परिवर्तन को प्रभावी करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (मुश्किलों का निवारण) आदेश, 2021 पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
वही आदेश में बताया गया है कि जम्मू -कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को जम्मू-कश्मीर प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पुनर्गठित करने के लिए बनाया गया था। ‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं केंद्र शासित लद्दाख का संयुक्त हाई कोर्ट नाम बड़ा है, इसलिए इसे जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाई कोर्ट कर दिया गया है, जो अन्य साझा उच्च न्यायालय के नामों की तर्ज पर है रखा गया है, जैसे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट।
इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल तथा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से नाम में परिवर्तन करने के प्रस्ताव पर विचार मांगे गए थे, जिसपर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल ने 27 अक्टूबर, 2020 की चिठ्ठी जरिये और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल ने 20 अक्टूबर, 2020 के पत्र के जरिए नाम में प्रस्तावित बदलाव के लिए अपनी सहमति जताई थी। कहा जा रहा है कि अदालत का वर्तमान में जो नाम है वो बहुत अधिक लंबा है। इसे देशभर में और हाई कोर्ट की भांति सरल बनाने के लिए नाम में परिवर्तन किया गया है, जो सुविधाजनक होने के अतिरिक्त अन्य सामान्य हाई कोर्ट की भांति आसान हो।
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