हर साल मनाई जाने वाली जानकी जयंती इस साल 24 फरवरी को है। आप सभी को बता दें कि इस दिन माता सीता का जन्मदिन मनाया जाता है। कहा जाता है यह तिथि हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आती है। ऐसे में इस दिन माता जानकी के साथ प्रभु श्री राम की पूजा भी की जाती है। आप सभी को बता दें कि जानकी जयंती के दिन शादीशुदा महिलाएं अपने घर की सुख शांति और अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं। इसी के साथ ही माता सीता को श्रृंगार का सामान भी चढ़ाती हैं। इसके अलावा इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत करती हैं और इसके फल से उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री जानकी जी वन्दना और आरती। पूजा के बाद इस वन्दना और आरती को करने से बड़े लाभ मिलते हैं।
श्री जानकी जी वन्दना
उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोअहं रामवल्लभाम्।।
श्रीजानकी जी की आरती
आरती श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
जगत-जननि जगकी विस्तारिणि,
नित्य सत्य साकेत विहारिणि।
परम दयामयि दीनोद्धारिणि,
मैया भक्तन-हितकारी की।।
आरती श्रीजनक-दुलारी की।
सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि,
पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि,
त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।
आरती श्रीजनक-दुलारी की।।
विमल-कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पावन मति आई।
सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी,
शरणागत-जन-भय-हारी की।।
आरती श्रीजनक-दुलारी की।
सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
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