आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व मनाया जा रहा है। जी दरअसल आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों को सजाया गया है और उनको भव्य स्वरूप दिया गया है। आपको बता दें कि मथुरा के श्रीकृष्ण मंदिर तो विश्व प्रसिद्ध हैं, हालाँकि राजस्थान में दुनिया का एक अनोखा मंदिर है, जहां जन्माष्टमी की रात प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म के समय 21 तोपों की सलामी दी जाती है। जी हाँ और यहाँ विधिवत सुरक्षा व्यवस्था भी की जाती है। इस मंदिर से जब बाल गोपाल के जन्म की सूचना मिलती है तो शुरू होती है 21 तोपों की सलामी। इसको देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं। हम आपको बताते हैं इस मंदिर की परंपरा के बारे में।
#WATCH | Shrinathji Temple administration presented traditional 21-gun salute on the occasion of Krishna #Janmashtami in Rajsamand, Rajasthan last night pic.twitter.com/lobXG8ql9o
— ANI (@ANI) August 31, 2021
कहां है यह श्रीकृष्ण मंदिर- राजस्थान के उदयपुर में नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी का मंदिर वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख पीठ है। ऐसे में यहां पर जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रीनाथजी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव सबसे अलग होता है। जन्माष्टमी के दिन यहाँ श्रीनाथ जी को पंचामृत और चंदन से स्नान कराया जाता है। उसके बाद उनका वस्त्र और आभूषणों से श्रृंगार होता है। भजन-कीर्तन किए जाते हैं। महाभोग, पंजीरी के बड़े लड्डुओं के भोग लगाए जाते हैं।
वहीं उसके बाद रात के समय में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होता है तो घंटे और बिगुल बजाए जाते हैं। जी हाँ और जैसे ही बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों को श्रीनाथजी के जन्म का संकेत मिलता है वह श्रीनाथजी को 21 तोपों की सलामी देते हैं। जी हाँ और इसकी आवाज पूरे शहर में गूंज उठती है। उसके बाद नगर के सभी घरों में भी श्रीनाथजी के जन्म का उत्सव मनाया जाता है। केवल यही नहीं बल्कि जन्माष्टमी के अगले दिन सुबह श्रीनाथजी की हवेली में विधिपूर्वक नंद महोत्सव मनाया जाता है। जी हाँ और इसमें लोग दूध और दही से होली खेलते हैं।
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