ख़ास होती है उज्जैन के सांदीपनि आश्रम की जन्माष्टमी, जहां श्री कृष्ण ने सीखी थी 64 कलाएं

ख़ास होती है उज्जैन के सांदीपनि आश्रम की जन्माष्टमी, जहां श्री कृष्ण ने सीखी थी 64 कलाएं
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उज्जैन: पूरे देश में जहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रहती है, वहीं श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में इस त्यौहार का अपना एक अलग ही रूप देखने को मिलता है. बता दें कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा और ज्ञान उज्जैन के संदीपनि आश्रम में ही गुरू संदीपनि से प्राप्त किया था. उज्जैन स्थित महर्षि संदीपनि आश्रम, ऋषि सांदीपनि की तप स्थली है, यहां महर्षि ने घोर तपस्या की थी. 

इसी स्थान पर महर्षि संदीपनि ने वेद-पुराण शास्त्रादि की शिक्षा के लिए आश्रम बनवाया था. श्री कृष्ण जन्म अष्टमी को संदीपनि आश्रम में देर रात 12 बजे आरती की जाती है. दरअसल, दुनिया भर से जन्माष्टमी पर भक्त संदीपनी आश्रम में आते हैं और श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के दर्शन करते हैं. जन्म अष्टमी पर देश भर में हर्षोल्लास रहता है और इसी दिन विभिन्न श्री कृष्ण मंदिर को सजाया जाता है.

उज्जैन में भी तीन मुख्य कृष्ण मंदिर हैं. पहला संदीपनि आश्रम जहां भगवान कृष्ण ने गुरू संदीपनी से ज्ञान प्राप्त किया था और अपने सखा सुदामा और भाई बलराम के साथ उज्जैन में निवास किया था. दूसरा मंदिर गोपाल मंदिर है. इस मंदिर की देखरेख सिंधिया राज घराना करता है और तीसरा अन्तराष्ट्रीय संस्था का इस्कॉन मंदिर है. तीनों ही जगह बड़े धूम धाम से कृष्ण जन्म अष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है. 

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