भद्रा माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्णा का जन्म हुआ है और तब से ही इसे जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. हर साल इसे धूम-धाम से और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यही पर्व आज 3 सितंबर को मनाया जा रहा है जिसकी तैयारी में सभी भक्तजन लगे हुए हैं. इस दिन सभी लोग व्रत भी करते हैं और रात को कृष्ण जन्म के बाद ही अपने व्रत को खोलते हैं. अगर आप भी व्रत रखते हैं तो हम आपको बता देते हैं कि किस तरह व्रत के नियम रखें और उनका पालन करें. वैष्णव सम्प्रदाय को मानने वाले 3 सितंबर को व्रत रखेंगे और अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सुबह सूर्योदय से पहले 6:13 मिनट पर व्रत का पारण करेंगे.
* याद रखें कि जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहते हैं एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करें.
* जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें.
* इसके बाद माता देवकी के लिए सूतिका गृह बनाएं.
* इस सूतिका गृह में माता देवकी समेत बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित करें और उनकी पूजा करें.
* इस दिन पूरे दिन व्रत रखें जिसमें आप दिन में पानी, फल और दूध ले सकते हैं.
* आखिर में भगवान के जन्म के बाद विधिपूर्वक पूजा करें और व्रत को खोल लें.
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