आज कई जगहों पर जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं राधा और भगवान कृष्ण की जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से, जो आपको नहीं पता होंगे। धरती पर जन्म लेने के बाद कैसे भगवान कृष्ण और राधा मिले थे- ऐसी मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण चार से पांच साल के थे, तब वह अपने पिता जी के साथ गाय चराने खेतों में गए थे। अपने पिता को आश्चर्यचकित करने के लिए उन्होंने वसंत के मौसम में तूफान ला दिया और ऐसे दिखाया जैसे उन्हें कुछ पता ना हो। अचानक से तेज बारिश शुरू हो गई और कृष्ण जी ने रोना शुरू कर दिया। कृष्ण जी को रोते देख उनके पिता जी ने उन्हें कसकर गले लगा लिया। भगवान कृष्ण के पिता परेशान होने लगे कि उन्हें इस मौसम में कृष्ण की देखभाल भी करनी है और साथ साथ गायों की भी देख-रेख करनी है।
कृष्ण जी के पिता को उसी समय एक सुंदर कन्या आते हुए दिखी। जिसको देखकर नंद बाबा शांत हुए और उन्होंने उस लड़की को कृष्ण की देखभाल के लिए कहा। जब लड़की ने कृष्ण की देखभाल के लिए हां बोल दिया, उसके बाद नंद जी गायों को लेकर घर चले गए। कहा जाता है जब भगवान कृष्ण और वह लड़की अकेली थी तो कृष्ण जी उस लड़की के सामने एक युवक के रूप में आए, जिसने नारंगी रंग के कपड़े पहने थे, उनके सिर पर मोर का पंख था, काला रंग और हाथ में बांसुरी पकड़ी हुई थी। कृष्ण जी ने उस लड़की से पूछा कि क्या उसे याद है ऐसा ही एक प्रसंग, जब वह दोनों स्वर्ग में थे। उस लड़की ने हां बोला क्योंकि वहीं भगवान कृष्ण की राधा थीं। इस तरह धरती पर जन्म लेने के बाद वह दोनों पहली बार मिले थे। इसी के साथ ऐसा माना जाता है कि जब भगवान कृष्ण और राधा अक्सर वृंदावन में मिला करते थे। हर रोज भगवान कृष्ण झरने के पास बांसुरी की मधुर धुन बजाते थे और राधा जी उसी मधुर ध्वनि को सुनकर उनसे मिलने आती थीं।
कहते हैं ऐसी मान्यता है कि राधा कभी भी भगवान कृष्ण से अलग नहीं होती हैं। हालाँकि भगवान कृष्ण और राधा के बीच प्रेम का रिश्ता शारीरिक नहीं था, बल्कि ये भक्ति का एक शुद्ध रूप था। ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान कृष्ण और राधा दैविक रूप के दो अलग-अलग सिद्धांत हैं।
भगवान कृष्ण और राधा ने एक दूसरे से शादी क्यों नहीं की- भगवान कृष्ण और राधा ने एक दूसरे से शादी न करने का फैसला इसलिए किया था क्योंकि उनका ऐसा मानना था कि प्रेम और विवाह एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। यह साबित करने के लिए कि प्रेम शरीर से नहीं बल्कि भक्ति और शुद्धता के साथ होता है। दोनों ने एक-दूसरे से शादी न करके प्रेम की परम भक्ति को पूरे विश्व के सामने रखा। जी दरसल कुछ मान्यताओं के अनुसार, राधा खुद को कृष्ण जी के लिए सही नहीं मानती थीं क्योंकि वह एक गाय चराने वाली थीं इस वजह से वह भगवान कृष्ण से शादी न करने के अपने फैसले पर अटल थीं। इसके अलावा, एक मान्यता और है कि भगवान कृष्ण और राधा एक दूसरे को एक ही आत्मा मानते थे, इसलिए उन्होंने बताया था कि वह अपनी ही आत्मा से कैसे शादी कर सकते हैं।
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