इस साल श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों दिन ही मनाई रही है। जी हाँ और ऐसे में अब लोग कान्हा के प्रसाद से लेकर कान्हा को सजाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। आपको बता दें कि जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के लिए पंचामृत का प्रसाद जरूर बनाया जाता है और इसी को बाद में प्रसाद के रूप में लोगों के बीच बांटा जाता है। पंचामृत का सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही महत्व नहीं है बल्कि इसका सेवन करने से व्यक्ति को सेहत से जुड़े कई लाभ भी मिलते हैं। अब हम आपको बताते हैं कैसे बनाना है पंचामृत।
पंचामृत बनाने की सामग्री-
-गाय का दूध- 1 गिलास
-गाय का दही- 1 गिलास
-गाय का घी- 1 चम्मच
-शहद- 3 चम्मच
-मिश्री अथवा शक्कर- स्वादानुसार
-कटे हुए तुलसी के पत्ते- 10
-कटे हुए मखाने- ड्राई फ्रूट्स - 20
पंचामृत बनाने की विधि- पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले दही, दूध, एक चम्मच शहद, घी और चीनी को एक बर्तन में डालकर अच्छी तरह मथ लें। आप चाहे तो इन सब चीजों को मिक्सी में डालकर भी चला सकती हैं। इसके बाद इसमें तुलसी के 8 से 10 पत्ते डालने के बाद कटे हुए मखाने और ड्राई फ्रूट्स मिलाएं।
पंचामृत के फायदे-
* पंचामृत पित्त दोष को बैंलेस करता है।
* पंचामृत इम्यून सिस्टम में सुधार करता है
* पंचामृत यादाश्त को बढ़ाता है और रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देता है।
* पंचामृत स्कीन के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।
* पंचामृत बालों को स्वस्थ रखता है।
* अगर प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन किया जाए तो इससे मां और भ्रूण दोनों स्वस्थ रहते हैं।
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