भारत में आपको कई मंदिर मिलेंगे जो अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा कई मंदिर अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के लिए भी प्रसिद्ध है। जी हाँ और आज जन्माष्टमी के मौके पर हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अनोखा है। जी दरअसल भारत के राज्य केरल में एक ऐसा ही मंदिर है, जिससे एक विचित्र रहस्य जुड़ा हुआ है। आप सभी को बता दें कि भगवान श्री कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में भगवान की मूर्ति भूख में व्याकुल रहती है। कहा जाता है अगर उन्हें प्रसाद का भोग न लगाया जाए, तो ऐसा माना जाता है कि वह दुबली पड़ने लगती है। जी हाँ और जन्माष्टमी का जश्न यहाँ धूम-धाम से मनाया जाता है।
आपको बता दें कि श्री कृष्ण का ये मंदिर केरल के जिले कोट्टायम के इलाके तिरुवेरपु या थिरुवरप्पू में मौजूद है। जी हाँ और इसे यहां एक चमत्कारी मंदिर माना जाता है, क्योंकि यहां स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति को भूख जरा भी बर्दाश्त नहीं है। कहते हैं करीब 1500 साल पुराने इस मंदिर में भगवान कृष्ण को 10 बार प्रसाद खिलाया जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि प्लेट में रखा हुआ प्रसाद धीरे-धीरे कम होने लगता है।जी दरअसल धार्मिक मान्यता है कि जब भगवान ने कंस को मारा था, तब उन्हें बहुत भूख लगी थी और तब से भगवान की मूर्ति यहां भूख से व्याकुल रहती है। ऐसे में अगर भगवान को खाना देने में जरा भी देरी हुई, तो मूर्ति अपने आप दुबली होना शुरू हो जाती है।
इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि इस मंदिर को दिन में सिर्फ दो मिनट के लिए बंद किया जाता है। कहते हैं कि भगवान कृष्ण की मूर्ति सिर्फ 2 मिनट के लिए सोती है। पुजारी को मंदिर की चाबी के साथ कुल्हाड़ी भी दी जाती है और इसकी वजह अगर चाबी से कपाट का ताला न खुले, तो उसे तोड़ देने की अनुमति उसके पास होती है। इस प्रथा का सालों से नियम मानते हुए अपनाया जा रहा है। इस मंदिर के रिवाजों को ध्यान में रखते हुए, इसे ग्रहण में भी बंद नहीं किया जाता है।
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