रूस में जारी फीफा विश्वकप 2018 में मंगलवार को खेले गए पहले मुकाबले में कोलंबिया और जापान की टीमें आमने-सामने थी, जिसमें बड़ा उलटफेर देखने को मिला. स्टार खिलाड़ियों से सजी कोलंबिया की टीम ग्रुप H के इस मुकाबले में जापान के हाथों 2-1 हार गई. जापान ने इस जीत के साथ ही पहली बार फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में किसी दक्षिण अमेरिकी टीम पर जीत दर्ज करने का इतिहास भी रच दिया. इसी के साथ जापान पहली ऐसी एशियाई टीम बन गई जिसने किसी साउथ अमेरिकी टीम को हराया हो. कोलंबिया के खिलाफ जापान की इस जीत को साल 2014 विश्वकप में ग्रुप चरण में 1-4 से मिली हार के बदले के रूप में भी देखा जा रहा है. अपनी जीत से उत्साहित जापानी खिलाड़ियों ने पूरे मैदान के चक्कर लगा दर्शकों का अभिवादन किया.
इस मैच में कोलंबिया तीसरे मिनट में ही अपना एक खिलाड़ी बाहर भेजना पड़ा, जिसकी वजह से टीम 10 खिलाडिय़ों के साथ ही खेली और उसे इसका परिणाम हार के रूप में भुगतना पड़ा. कोलंबिया के मिडफील्डर कार्लोस सांचेज को तीसरे मिनट में जानबूझकर हैंडबॉल करने के कारण रेड कार्ड दिखाया गया. यह विश्व कप इतिहास का दूसरा सबसे तेज रेड कार्ड था.
जापान को मिली इस पेनल्टी को गोल में तब्दील करने में शिंजी कगावा ने कोई गलती नहीं की और जापान को एक गोल की बढ़त दिला दी. इसके बाद 39वें मिनट में जुआन किंवटेरो ने नीची फ्री किक से कोलंबिया को बराबरी पर ला कर खड़ा कर दिया.
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