केंद्रीय खेल मंत्रालय ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को दोबारा से बनाने का निर्णय लिया है। खेल मंत्रालय इस स्टेडियम की रूप रेखा बदलने के लिए इस पर 8000 करोड़ रुपये तक खर्च करने वाला है, जिससे कि ये स्टेडियम विश्व स्तर का बनेगा। इस बारें में लेकर खेल मंत्रालय का कहना है कि इस स्टेडियम को इस तरह से तैयार किया जाएगा जो भविष्य में ओलंपिक और अन्य बड़ी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर सके। स्टेडियम का पुनर्विकास करने का सुझाव नीति आयोग ने खेल मंत्रालय को दे दिया है।
इसके अलावा खेल मंत्रालय ने पांच सदस्यीय परामर्श टीम के गठन की सिफारिश की है, जिसमें एक खेल बुनियादी ढांचा प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल होगा। देश की राजधानी दिल्ली के अलावा अहमदाबाद के मोटेरा में एक विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम बन चुका है, जिसमें अन्य सुविधाएं भी शामिल होने वाली हैं।
बता दें की 1 बास्केटबॉल कोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के साथ तैयार किया जाएगा. 2 बैडमिंटन कोर्ट भी जेएलएन स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के साथ तैयार होगा. 4 टेबल टेनिस कोर्ट भी इस स्टेडियम में तैयार किए जाएंगे. 10 मीटर निशानेबाजी अकादमी भी जेएलएन स्टेडियम में बनाई जाएगी. 1 ओलंपिक आकार की सुविधाओं वाला स्विमिंग पूल को भी तैयार करने की योजना बनाई गई है. 3/4/5 सितारा होटल और सर्विस अपार्टमेंट भी स्टेडियम में ही बनाया जाएगा. 2027 एशियाई फुटबॉल चैंपियनशिप के अलावा 2026 युवा ओलंपिक, 2030 एशियाई खेलों और 2032 ओलंपिक की मेजबानी में भारत ने रुचि व्यक्त की है. 61000 लोगों की इसमें बैठने की क्षमता है और मौजूदा वक्त में एक इनडोर भारोत्तोलन ऑडोटोरियम, फुटबॉल मैदान, दो एथलेटिक ट्रैक, दो बैडमिंटन हॉल, एक टेबल टेनिस हॉल, एक तीरंदाजी प्रशिक्षण क्षेत्र और अन्य खेल सुविधाएं हैं.
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