केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड में लिंचिंग के आरोपियों के गले में हार डालकर मुसीबत मोल ले ली है. जयंत ने अब मामले सफाई पेश करते हुए कहा कि भले ही उन्होंने इन लोगों का सम्मान किया है, पर वे उनके कामों का समर्थन नहीं करते हैं. सिन्हा ने कहा कि वे लोग (लिंचिंग के आरोपी) उनके घर पर आए थे , इसलिए उन्हें इन लोगों का सम्मान करना पड़ा. जयंत सिन्हा ने इसके साथ ही कहा कि वह हर तरह की हिंसा का विरोध करते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'फिलहाल यह मामला कोर्ट के अधीन है और मैं ट्विटर पर अपना पक्ष पहले ही साफ कर चुका हूं. कानून को अपना काम करने देना चाहिए. जो भी दोषी हैं, उन्हें सजा होनी चाहिए. इसके साथ ही हमें यह भी ख्याल रखना चाहिए कि सभी को न्याय मिले.' सिन्हा ने कहा, 'मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि मेरी आलोचना करने से पहले कोर्ट का बेल ऑर्डर पढ़ें. मैं अपना रुख स्पष्ट कर दूं कि मैं उनकी हरकत का समर्थन नहीं करता. मेरा रिकॉर्ड साफ है. मेरी मंशा साफ है, मैं उनकी हरकत के साथ नहीं हूं.'
Earlier I was the Nalayak Baap of a Layak Beta. Now the roles are reversed. That is twitter. I do not approve of my son's action. But I know even this will lead to further abuse. You can never win.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 7, 2018
यशवंत सिन्हा ने अपने बेटे जयंत सिन्हा की आलोचना करते हुए ट्वीट करके कहा कि वह अपने बेटे के कृत्य का समर्थन नहीं करते. साथ ही उन्होंने ट्विटर पर आलोचना करने वालों को भी जवाब दिया. यशवंत सिन्हा ने लिखा, 'कुछ दिन पहले तक मैं लायक बेटे का नालायक बाप था, लेकिन अब रोल उलट गया है. लेकिन जानता हूं कि इसके बाद भी गालियां पड़ेंगीं. तुम कभी जीत ही नहीं सकते.' बीते दिनों बीफ ले जाने के शक में मारे गए युवक (अलीमुद्दीन) की हत्या के 8 दोषियों को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया जिनका केंद्रीय मंत्री और यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को इनका माला पहनाकर स्वागत कर दिया और तो और खुद को गौरक्षक और हिन्दू रक्षक कहने वाली बीजेपी के जिला कार्यालय में इनकी जमानत पर मिठाई बांटी गई .
जनता अब BJP को 'लिंच पुजारी' कह रही है : सिब्बल
आज धूमावती जयंती पर इन मंत्रों का करें जाप