फिल्म : जयेशभाई जोरदार (Jayeshbhai Jordaar)
निर्देशक : दिव्यांग ठक्कर (Divyang Thakkar)
कलाकार : रणवीर सिंह (Ranveer Singh), शालिनी पांडे (Shalini Pandey), रत्ना पाठक शाह (Ratna Pathak shah), बोमन ईरानी (Boman Irani)
रेटिंग : 4
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और अपनी दमदार एक्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले रणवीर सिंह फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' को लेकर चर्चा में हैं। जी हाँ और अब आज यह फिल्म रिलीज हो चुकी है। दिव्यांग ठक्कर के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म गुजरात की पृष्ठभमि पर आधारित है। जी हाँ और यशराज बैनर की यह फिल्म भ्रूण हत्या और जेंडर इक्वालिटी जैसे बड़े सामाजिक मुद्दों पर बनी है। इस फिल्म में रणवीर सिंह एक ऐसे शख्स का रोल निभा रहे हैं, जो समाज में स्त्री-पुरुष के बराबर अधिकारों के लिए लड़ता है। वहीँ फिल्म में इतने बड़े सोशल मैसेज को कॉमेडी के तड़के के साथ परोसा गया है जो बहुत बेहतरीन है। यशराज बैनर की इस फिल्म में जयेशभाई यानी रणवीर सिंह एक बेटी के पिता है और जल्द ही दूसरी बार पिता बनने वाले हैं। वहीं उनकी पत्नी के रोल में शालिनी पांडे नजर आ रही है। बीते दिनों रिलीज हुए ट्रेलर में दिखाया गया था कि सब चाहते हैं कि उन्हें बेटा हो, इसके लिए लिंग परीक्षण तक करवाया जाता है और पता चलता है कि इस बार भी उन्हें बेटी होगी। उसके बाद कहानी में क्या होता है यह रोचक है।
कहानी- बोमन ईरानी गांव के सरपंच हैं उनका इकलौता बेटा जयेशभाई जोरदार (Ranveer singh) है। जयेशभाई की एक बेटी है लेकिन फैमिली को वंश बढ़ाने के लिए बेटे की चाह है। इसी बीच, जयेशभाई की बीवी मुद्रा (शालिनी पांडे) एक बार फिर प्रेग्नेंट हो जाती है। इस पर सरपंच की फैमिली जेंडर टेस्ट करवाती है। पता चलता है कि मुद्रा एक बार फिर बेटी को जन्म देने वाली है। अब जयेश के पिता भ्रूण हत्या का फैसला करते है, लेकिन जयेश भ्रूण हत्या नहीं होने देना चाहता। उसके बाद उसे अपने परिवार का विरोध झेलना पड़ता है और इस विरोध के दौरान कहानी में कई ट्वीस्ट आते हैं। ऐसे में अब जयेशभाई की अपने पिता के आगे चलती है या नहीं यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी और देखकर जाननी होगी कि आखिर फिल्म कैसी है?
एक्टिंग- रणवीर सिंह ने अपने किरदार को अच्छे से निभाया है। दूसरी तरफ शालिनी पांडे ने भी उनकी पत्नी के किरदार के साथ न्याय किया है। इसी के साथ रत्ना पाठक शाह औऱ बोमन ईरानी जैसे मंझे हुए कलाकारों की उपस्थिति फिल्म को खास बनाती है। सभी का अभिनय कमाल का रहा।
डायरेक्शन- फिल्म का संगीत काफी अच्छा है। दूसरी तरफ सिनेमेटोग्राफी भी ठीक- ठाक है। फिल्म को और बेहतर बनाया जा सकता था, हालाँकि कहीं-कहीं फिल्म ज्यादा लंबी लगती है।
देखनी चाहिए या नहीं- 'अगर आप सामाजिक मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो यह फिल्म आपको पसंद आएगी, वहीं कॉमेडी पसंद करने वालों को भी यह अच्छी लगेगी।'
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