पटना : बिहार की सरकार में काबिज महागठबंधन में लगता है विवाद गहरा गए हैं। जहां राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एनडीए कैंडिडेट रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव कुछ नाराज़ नज़र आ रहे हैं वहीं अब पटना में राजद की निकाली जाने वाली भाजपा हटाओ देश बचाओ रैली को लेकर महागठबंधन के प्रमुख दलों में विवाद की स्थिति बन गई है। दरअसल जेडीयू ने 27 जुलाई को आयोजित की जाने वाली इस रैली से किनारा कर लिया है।
हालांकि इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चैटाला और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा शामिल हो सकते हैं। इस रैली में समजावादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव व बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के शामिल होने की भी उम्मीद है।
इस रैली का आयोजन भाजपा के वर्ष 2019 के विज़न के विरोध में किया जा रहा है, लेकिन इससे जदयू का अलग रहना फिर नए सवालों को जन्म देता दिख रहा है। इस मामले में जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी हटाओ देश बचाओ रैली राजद का आयोजन है। जनता दल यूनाईटेड इसमें शामिल नहीं होगी।
हालांकि उन्होंने सीएम नीतिश कुमार को लेकर कहा कि सीएम नीतिश कुमार इस रैली में तब शामिल होने का निर्णय ले सकते हैं जब उन्हें लालू प्रसाद यादव का निमंत्रण मिल जाए। माना जा रहा है कि महागठबंधन में विवाद की बड़ी वजह सीएम नीतिश कुमार का केंद्रीय स्तर पर एनडीए की ओर बढ़ता झुकाव है। जनता दल यूनाईटेड के नेताओं का मानना है कि वे भाजपा के साथ गठबंधन के साथ सरकार चलाने में काफी सहज थे।
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