पटना: कोरोना महामारी के बीच इस वर्ष के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के 2 प्रमुख दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में जमकर जुबानी तीर चल रहे हैं. वैसे तो इन दोनों पार्टियों का आमने-सामने होना आम बात है, लेकिन इस बार दोनों दल जिस मुद्दे को लेकर एक दूसरे से टकराव की स्थिति में है वह है कि आखिर बिहार में चुनाव हो भी या नहीं?
राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कह दिया कि कोरोना संकट के दौरान बिहार में चुनाव करवाना उचित नहीं है. इसी का जवाब देते हुए जदयू ने बुधवार को राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का बयान दिखलाता है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में अपने पार्टी और महागठबंधन की शिकस्त को लेकर डरे हुए हैं. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि, 'तेजस्वी यादव की पार्टी और महागठबंधन विधानसभा चुनाव में करारी हार की ओर बढ़ रहा है. तेजस्वी खुद एक डरे हुए नेता की तरह पेश आ रहे हैं.'
दरअसल, तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया था कि वह लाशों के ढेर के ऊपर बिहार में चुनाव करवाना चाहते हैं. तेजस्वी के इसी हमले से जदयू तिलमिला गई और पलटवार करते हुए कहा कि लाशों के ढेर पर सियासत करना राजद का चाल चरित्र रहा है. राजीव रंजन ने कहा कि, 'लालू परिवार का इतिहास रहा है लाशों के ढेर पर सियासत करना और इसी तरीके से 1 परिवार के लोगों ने 15 वर्ष तो बिहार पर राज किया.'
चित्रकूट की खदानों में यौन शोषण, राहुल बोले- क्या यही हमारे सपनों का भारत ?
कोरोना से जुड़े ऐसे भयानक राज, जिसे नहीं समझा तो, कभी नहीं खोज पाएंगे इलाज
दुनियाभर में बढ़ा मौत का आंकड़ा, संक्रमितों की संख्या बढ़ी