दिल्ली चुनाव में भाजपा के साथ JDU-LJP भी लड़ेंगी, कैसे होगा सीटों का बंटवारा?

दिल्ली चुनाव में भाजपा  के साथ JDU-LJP भी लड़ेंगी, कैसे होगा सीटों का बंटवारा?
Share:

नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति तेज कर दी है। भाजपा ने अपने सहयोगी दलों जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [लोजपा (आर)] को एक-एक सीट देकर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जदयू को बुराड़ी और लोजपा (आर) को संगम विहार विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने की संभावना है। 2020 के विधानसभा चुनावों में भी जदयू ने बुराड़ी और संगम विहार से चुनाव लड़ा था, जबकि लोजपा ने सीमापुरी सीट से अपने प्रत्याशी उतारे थे। बिहार में एनडीए के तहत सरकार चला रहे ये दोनों दल अब दिल्ली में भाजपा के साथ तालमेल में चुनाव लड़ेंगे।  

चुनाव प्रचार के बीच भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमलों की धार तेज कर दी है। भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियां तोड़ने का काम खुद केजरीवाल सरकार कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जहां झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं, वहां केजरीवाल सरकार के निगम पार्षदों की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली के हजारों गरीबों ने घर पाने के लिए सालों पहले बड़ी रकम जमा कराई थी, लेकिन अब तक उन्हें घर नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग जब अपनी शिकायत लेकर केजरीवाल के घर पहुंचे, तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया और धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया। वर्मा ने RTI के माध्यम से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में बने घर अब भी तैयार हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इन्हें गरीबों को नहीं सौंपा।  

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने अब तक नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर पेश नहीं किया। त्रिवेदी ने सवाल किया कि क्या "नो यूज" कहकर CAG रिपोर्ट को खारिज करना संविधान का अनादर नहीं है? उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं।  

गौरतलब है कि दिल्ली में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। एक तरफ AAP अपनी कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार कर रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा घोटालों और प्रशासनिक विफलताओं को उजागर करने में जुटी है। ऐसे में आगामी चुनाव दिल्ली के मतदाताओं के फैसले पर निर्भर करेगा कि वे किसे अपनी अगली सरकार के रूप में चुनते हैं।

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -