पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने फंड इकट्ठा करने का करने का नया तरीका ईजाद किया है. जैश-ए-मोहम्मद संगठन दवाईयां बेच कर आतंक के लिए पैसा जमा कर रहा है. जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को भारत अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाना चाहता है. अमेरिका के द्वारा 2010 में ही अल-रहमत ट्रस्ट को एक आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है. मसूद अज़हर का करीबी गुलाम मुर्तजा इस संगठन की अगुवाई करता है.
पूरे पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद की ओर से इश्तेहार निकाले जा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि उनकी दवाईयों से कई तरह की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा दवाईयों के प्रचार के लिए बैनर, होर्डिंग्स और पम्फलेट का सहारा लिया जा रहा है. ये इश्तेहार जैश-ए-मोहम्मद के चैरिटी विंग अल-रहमत ट्रस्ट की ओर से बांटे जा रहे हैं. इश्तेहार के मुताबिक, ट्रस्ट की ओर से ब्लड प्रेशर, कैंसर, सिर दर्द, चमड़ा रोग समेत कई अन्य बीमारियों से निजात का दावा किया जा रहा है.
इसके लिए मात्र 60 रुपए की परामर्श फीस वसूली जा रही है. इतना ही नहीं ट्रस्ट की ओर से सभी बीमारियों से जुड़ी दवाईयों को भी बेचा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद की ओर से पाकिस्तान के कई शहरों में क्लीनिक तैयार किए गए हैं, जो कि मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. रमज़ान के चलते इन सभी इलाजों को इस्लामिक तौर-तरीकों से ही किये जाने के दावे भी किये जा रहे है.
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