ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु ईसा मसीह को इब्रानी में येशु, यीशु या येशुआ के नाम से जाना जाता है लेकिन अंग्रेजी उच्चारण में यह जेशुआ हो गया। आप सभी को बता दें कि यही जेशुआ अब जीसस हो चुका है। अब हम आपको बताते हैं जीसस क्राइस्ट के जन्म की कहानी।
कहा जाता है ईसा मसीह के जन्म के संबंध में मतभेद है। जी दरअसल इस संबंध में हमें चार सिद्धांत मिलते हैं। इनमे पहला 'ल्यूक एक्ट' के अनुसार उनका परिवार नाजरथ गांव में रहता था। उस समय उनके माता पिता नाजरथ से जब बेथलहेम पहुंचे तो वहां एक जगह पर उनका जन्म हुआ। कहा जाता है जब यीशु का जन्म हुआ तब मरियम कुंआरी थीं। उस समय मरियम योसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं और जिस वक्त ईसा मसीह का जन्म हुआ उस वक्त परियों वहां आकर उन्हें मसीहा कहा और ग्वालों का एक दल उनकी प्रार्थना करने पहुंचा। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि मरियम को यीशु के जन्म के पहले एक दिन स्वर्गदूत गाब्रिएल ने दर्शन देकर कहा था कि धन्य हैं आप स्त्रियों में, क्योंकि आप ईश्वर पुत्र की माता बनने के लिए चुनी गई हैं। इस बात को सुनकर मदर मरियम चकित रह गई थीं।
कहा जाता हैं कि इसके बाद सम्राट ऑगस्टस के आदेश से राज्य में जनगणना प्रारंभ हुई जो सभी लोग येरुशलम में अपना नाम दर्ज कराने जा रहे थे। यीशु के माता पिता भी नाजरथ से वहां जा रहे थे परंतु बीच बेथलेहम में ही माता मरियम ने एक बालक को जन्म दिया। वहीं एक दूसरे सिद्धांत के अनुसार 'मैथ्यू एक्ट' के अनुसार ईसा का जन्म तो बेथलहम में हुआ था था लेकिन वहां के राजा हिरोड ने बेथलहेम में दो साल से कम उम्र के सभी बच्चों को मारने का आदेश दे दिया दिया थ। इस बात को जानने के बाद ईसा मसीह का परिवार वहां से मिस्र चला गया था। उसके बाद वहां से कुछ समय बाद वे नजारथ में बस गए थे।
वहीं ईसाई धर्मपुस्तक के अनुसार माता मरियम गलीलिया प्रांत के नाजरथ गांव की रहने वाली थी और उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी युसुफ नामक बढ़ई से हुई थी। कहा जाता है विवाह के पूर्व ही वह परमेश्वर के प्रभाव से गर्भवती हो गई थीं। उस समय परमेश्वर के संकेत के चलते युसुफ या योसेफ ने उन्हें अपनी पत्नी स्वीकार कर लिया। वहीं विवाह के बाद युसुफ गलीलिया प्रांत छोड़कर यहूदी प्रांत के बेथलेहम नामक गांव में आकर रहने लगे और वहीं पर ईसा मसीह का जन्म हुआ। हालाँकि वहां के राजा हेरोद के अत्याचार से बचने के लिए वे मिस्र जाकर रहने लगे थे और बाद में जब ई।पूर्व। हेरोद का निधन हो गया तो वे पुन: बेथलेहम आए और वहां पर 6 ईसापूर्व ईसा मसीह का जन्म हुआ और फिर वे वहां से पुन: नाजरेथ में बस गए थे। इन सभी कहानियों से यह सिद्ध होता है ईसा मसीह के माता पिता नाजरथ के रहने वाले थे और बेथलेहेम में ईसा का जन्म हुआ था। अब वे बेथलेहम क्यों गए थे यह रहस्य बना रहेगा।
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