मुंबईः कर्ज के बोझ में डूबी जेट एयरवेज में और पैसा निवेश करने एतिहाद एयरवेज ने इनकार कर दिया है। एतिहाद खाड़ी देशों की बड़ी विमानन कंपनियों में शुमार है। एतिहाद का कहना है कि उसने जेट एयरवेज में लायबिलिटी से संबंधित अनसुलझे मुद्दों के चलते ही उसमें और निवेश नहीं करने का निर्णय लिया है। बीते 18 अप्रैल को परिचालन से बाहर हुई जेट एयरवेज में एतिहाद की 24 फीसद भागीदारी है। जेट एयरवेज इस समय दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। कंपनी के लिए बोली लगाने की दूसरी आखिरी तारीख 10 अगस्त को समाप्त हो गई।
अंतिम तारीख तक तीन निवेशकों ने जेट एयरवेज के लिए शुरुआती बोली दाखिल की है। कंपनी ने साफ किया कि जेट एयरवेज में निवेश नहीं करने के उसके निर्णय से भारतीय बाजार के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता में कोई गिरावट नहीं आएगी। उसने बताया कि मौजूदा वक्त में वह अबू धाबी से 10 भारतीय शहरों के लिए विमानों का परिचालन कर रही है और अपने विमानों के फेरे को लगातार बढ़ोतरी कर रही है।
कंपनी ने कहा कि जेट एयरवेज की मौजूदा हालत में उसमें निवेश करना कंपनी के लिए ना तो उचित, और ना ही समझदारी वाला कदम है।उधर एक दूसरे खरीदार ने भी बोली लगाने से इनकार कर दियाा। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने फिलहाल कंपनी में बोली लगाने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें जेट एयरवेज को आर्थिक तंगी के कारण अपना परिचालन रोकना पड़ा था।
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