नई दिल्ली: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 22 जून को जेट एयरवेज के लिए कलरॉक-जालान कंसोर्टियम के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी थी, जिसमें राइडर्स थे। अप्रैल 2019 में परिचालन निलंबित करने वाली जेट एयरवेज दो साल से इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत रिजॉल्यूशन प्रोसेस से गुजर रही है। खबरों के मुताबिक एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने एयरलाइन को स्लॉट आवंटित करने के लिए 22 जून से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमसीए) को 90 दिन का समय दिया है।
अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज के उड़ान बनने के बाद इसके स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे। जून 2019 में एयरलाइन के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की गई थी। अक्टूबर २०२० में, ग्राउंडेड एयरलाइन की लेनदारों की समिति (CoC) ने यूके के कालरॉक कैपिटल और यूएई स्थित उद्यमी मुरारी लाल जालान के एक कंसोर्टियम द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना को मंजूरी दी थी ।
हाल ही में दिवालिया अदालत में पेश हलफनामे में एमसीए और डीजीसीए ने कहा कि जेट एयरवेज स्लॉट प्राप्त करने के लिए ऐतिहासिकता का दावा नहीं कर सकती है और स्लॉट का आवंटन मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा ।
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