झाबुआ/इंदौर. झाबुआ में हुए भीषण ब्लास्ट के पांच दिन बाद भी पुलिस अभी तक मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा को नहीं ढूंढ पाई है. छानबीन में जुटी इंदौर क्राइम ब्रांच व झाबुआ पुलिस की टीमें लगातार छापे मार रही है. हादसे के बाद छह-सात शवों की पहचान नहीं हो पाई थी. जिसके बाद इनके डीएनए सेंपल भी लिए जा चुके हैं. और इस बात की पुष्टि रिपोर्ट आने पर ही हो पायेगी की कांसवा जिंदा है या मर चूका है. इस बीच, पुलिस ने कांसवा की पत्नी प्रमिला, बेटी सोनिया (26) व बेटे शुभम (23) को गिरफ्तार कर लिया है.
पूछताछ में उन्होंने बताया है कि- मोबाइल पर मकान के मालिक गंगाराम राठौड़ का फोन आया था कि गोदाम से धुआं निकल रहा है. यह सुनते ही वे (कांसवा) अपने नौकर के साथ घर से निकल गए थे. और जल्दबाजी में अपना मोबाइल घर में ही भूल गए थे. इसके बाद वे घर पर नहीं लौटे. शायद, वे भी इस हादसे का शिकार हो गए. प्रमिला ने बताया कि इस हादसे के बाद वह अपनी बेटी सोनिया के साथ पेटलावद से अपने रिश्तेदार के यहां रतलाम आ गई थी. उनका बेटा शुभम इंदौर से सीए की पढ़ाई कर रहा है वह रतलाम आया और फिर हमें लेकर मुंबई चला गया.
चूंकि कांसवा की बेटी सोनिया के पास उसके पापा राजेंद्र का मोबाइल था, इसलिए उसकी लोकेशन रतलाम व महाराष्ट्र आ रही थी. पुलिस इस विषय में राजेंद्र के भाई नरेंद्र व फुलचंद से लगातार पूछताछ कर रही है. लेकिन दोनों भाइयों को भी राजेंद्र के विषय में कोई जानकारी नहीं है. उंन्होने कहा कि हादसे के बाद राजेंद्र का क्या हुआ, उसका किसी को भी पता नहीं. बुधवार सुबह एक अफवाह यह भी चली कि एसआईटी ने राजेंद्र कांसवा को महाराष्ट्र बॉर्डर से पकड़ लिया है.