रांचीः महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद अब बारी झारखंड की है। इसको लेकर राज्य के सियासी माहौल में गरमाहट आने लगी है। इसी कड़ी नें सत्ताधारी बीजेपी ने विपक्ष को तगड़ा झटका दिया है। चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के कई विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। नेताओं के साथ पूर्व अधिकारीयों ने भी बीजेपी ज्वाइन की है। पूर्व डीजीपी डीके पाण्डेय, दो पूर्व आएएस सुचित्रा सिन्हा व आरपी शाही, पूर्व आईपीएस व कांग्रेस नेता अरुण उरांव सहित छह विधायक बीजेपी में एंट्री ली है।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में इन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली। ऐसा माना जा रहा है कि इससे आगामी चुनाव में भाजपा को बड़ा फायदा होगा। चुनावी विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में बगावत के सुर और बुलंद हो सकते हैं। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के पांच जबकि नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही भाजपा में शामिल हुए।
भाजपा में शामिल होने वाले झामुमो के विधायकों में बहरागोड़ा के कुणाल षाडंगी, मांडु विधायक जेपी पटेल, विशुनपुर विधायक चमरा लिंडा शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व लोहरदंगा के विधायक सुखदेव भगत व बरही विधायक मनोज यादव ने भाजपा की सदस्यता ली। पूर्व आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस नेता अरुण उरांव और आजसू नेता ललित ओझा भी भाजपा में शामिल हुए। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मनमाफिक सीट मिलने के भरोसे के बाद उन्होंने बीजेपी को ज्वाइन किया है।
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