रांची: झारखंड के देवघर सदर अस्पताल में ब्लड के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल जारी है। यहां ढाई तीन हजार रुपए में खून की जगह कुछ और ही बेचा जा रहा है। इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब थैलेसीमिया से पीड़ित एक बच्ची के परिजन उपचार कराने पहुंचे। उन्हें खून की आवश्यकता हुई, तो ब्लड बैंक पहुंचे। वहां ब्लड नहीं मिला तो एक दलाल ने उन्हें 3 हजार रुपए में खून दिलाने की बात कही। परिजन ने ढाई हजार रुपए में उससे ब्लड खरीद लिया। इसके बाद डॉक्टरों ने देखा तो उन्होंने बताया कि वह खून नहीं, कुछ और है। उसे चढ़ाने से जान पर भी बन सकती है। फिलहाल, पुलिस केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, बिहार के दिनेश यादव नामक शख्स अपनी बहन की बेटी शिवानी कुमारी का उपचार कराने देवघर पहुंचा था। शिवानी थैलेसीमिया से पीड़ित हैं, जिसके चलते शिवानी को उसके परिजन हर तीन माह में उपचार कराने देवघर सदर अस्पताल आते हैं। उसे एक यूनिट ब्लड की भी आवश्यकता पड़ती है। ब्लड की खरीद बिक्री नहीं होती, लेकिन देवघर में ब्लड का कारोबार जोरों से चल रहा है। पहले शिवानी के परिवार वाले 3 हजार रुपए में एक यूनिट ब्लड खरीद चुके हैं। इस बार ब्लड के लिए शिवानी के परिजन ब्लड बैंक पहुंचे, मगर वहां ब्लड न होने की बात कह दी गई। उनसे एक दलाल ने ब्लड दिलाने की बात करते हुए कहा कि 3 हजार रुपए में हम ब्लड मुहैया करा देंगे। इसके बाद शिवानी के परिजन ने 2500 रुपए देकर ब्लड ले लिया।
शिवानी के परिजन ब्लड लेकर देवघर सदर अस्पताल पहुंचे, तो वहां के डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाने से इंकार कर दिया और कहा यह ब्लड नहीं, कोई दूसरी चीज है, इसे चढ़ाएंगे तो बच्ची की मौत हो सकती है। इसके बाद भर्ती बच्ची के परिवार वालों ने इसकी शिकायत रेडक्रॉस के निरंजन कुमार से की। नगर थाने में लिखित आवेदन देकर खून का फर्जीवाड़ा करने वाले की शिकायत की। फिलहाल इस पूरे घटना को लेकर देवघर में बवाल मचा हुआ है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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