मंगलवार को एक माह बाद आखिरकार वह शुभ घड़ी आ ही गई, जब मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन झारखंड मंत्रिमंडल का विस्तार कर रहे हैं. शाम चार बजे राजभवन के बिरसा मंडप में राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू सात मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी. राजभवन को सौंपी गई सूची के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से चंपई सोरेन, जोबा मांझी, हाजी हुसैन अंसारी, जगरनाथ महतो व मिथिलेश ठाकुर को मंत्री बनाया जा रहा है. जबकि कांग्रेस की ओर से बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को मंत्री के तौर पर हेमंत कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है. इससे पहले 29 दिसंबर, 2019 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव तथा राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि इन मंत्रियों को अब भी अपने विभागों का इंतजार है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल महागठबंधन में शामिल दलों के सामने सरकार के सफलतापूर्वक संचालन के साथ-साथ दलों के बीच आपसी समझ बढ़ाने और नट संतुलन साधने की चुनौती है. सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने अबतक कांग्रेस से समन्वय बनाने में काफी सूझबूझ का परिचय दिया है. कांग्रेस के दो मंत्री मुख्यमंत्री के साथ ही शपथ ले चुके है.झामुमो के पांच और कांग्रेस के कोटे से दो और मंत्री बनाए जाने की कवायद है. मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को जगह मिलेगी तो कुछ पुराने चेहरे नजरअंदाज किए जाएंगे. मंत्रिमंडल का स्वरूप चाहे जैसा भी हो, यह सरकार में शामिल दलों को समझना होगा कि पदों को लेकर लंबे समय तक चलने वाले मोल-तोल का संदेश जनता के बीच अच्छा नहीं जाता. साथ में यह भी, कि बदलाव की बयार वाले दौर में नई सरकार को तेजी से कई बड़े फैसले लेने हैैं और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाना है.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि अब जबकि मंत्रिमंडल की कवायद पूरी हो रही है, नई सरकार में शामिल दलों को एक मंच पर आकर राज्य के सर्वांगीण विकास की रणनीति तैयार करनी होगी. ऐसे में देर से ही सही, झारखंड में नई सरकार के गठन के तकरीबन एक महीने बाद मंत्रिमंडल पूरी तरह से आकार लेने जा रहा है. माना जा रहा है कि विकास की गाड़ी अब और तेजी से आगे बढ़ेगी. हालांकि अबतक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री अपने स्तर से लगातार लोगों की शिकायतों का निपटारा करते हुए जनता का भरोसा कायम रखने में सफल साबित हुए है.
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