रांची : आम तौर पर कोई भी सरकारी अधिकारी सरकार की सच्चाई को बयां नहीं करता .लेकिन जब राज्य के खाद्य मंत्री ही अपने बेबाक बयान में भूख से मरने वाले के प्रति सरकार के रवैये को उजागर कर दे तो मामला सुर्ख़ियों में आना ही है .राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि कोई भी सरकार नहीं मानती कि कोई व्यक्ति भूख से मरा है. किसी का भी भूख से मरना शर्मनाक है.
उल्लेखनीय है कि राज्य, जिला व प्रखंड स्तरीय सतर्कता समिति के मनोनीत जन वितरण प्रणाली दुकानदारों की बैठक में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि कोई भी सरकार नहीं मानना चाहती है कि कोई व्यक्ति भूख से मरा है. किसी का भी भूख से मरना शर्मनाक है. अगर किसी योग्य व्यक्ति को राशन नहीं मिल रहा है, तो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नागरिक को सरकार को राशन देने के लिए मजबूर करने की ताकत मिली हुई है. दूसरी ओर कमजोर को अधिकार दिलाना भी सरकार के साथ है. हम सबकी जिम्मेदारी है.
इस मौके पर उन्होंने राशन दुकानदारों की समस्याएं भी सुनी . उन्होंने कहा खाद्य वितरण प्रणाली में मशीनों का इस्तेमाल सेवक की तहत होना चाहिए.आधार कार्ड नहीं होने पर भी लाभुक को राशन देना सरकार का दायित्व है.इसके लिए केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किये हैं.पोषणयुक्त राशन उपलब्ध कराना सरकार का उत्तरदायित्व है.इसलिए अब अब राशन में प्रोटीनयुक्त भोजन देने पर विचार चल रहा है. मंत्री ने कहा जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के कमीशन बढ़ाने पर विचार किया जाएगा.
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