रांची: झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर वर्ष 2016 में बच्चों में टॉफी और टी-शर्ट बांटे गए थे. इसमें भी घोटाले के आरोप लगे हैं. मामले में दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के अकाउंटेंट जनरल पेश हुए. सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट की तरफ से पूछे गए सवालों के जवाब दिए. अदालत ने जवाब पर असंतोष जताया और सीलबंद मूल दस्तावेज पेश करने के लिए कहा. इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में साल 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के दिन टॉफी और टी-शर्ट के वितरण के नाम पर करोड़ों के घोटाले की जांच को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की. इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील और सरकार के अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने-अपने आवास से अपना पक्ष रखा.
सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से AG भी पेश हुए. याची के वकील ने AG की तरफ से दिए गए जवाब पर कई प्रश्न उठाए. साथ ही उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए. AG और सरकार के जवाब पर कोर्ट ने असंतोष व्यक्त किया और उनसे मूल दस्तावेज कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है. सुनवाई के इस बीच में कोर्ट ने मौखिक रूप से कई गंभीर टिप्पणियां भी कीं, जिसमें कहा गया कि जो जरुरी वस्तुएं हैं, लोगों की जान बचाने वाली वस्तु, जिसकी खरीदारी करनी जरुरी थी, उच्च न्यायालय ने भी खरीदने को कहा लेकिन नियम की दुहाई देते हुए उसकी खरीदारी करने में आनाकानी की गई.
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