रांची: झारखंड के गुमला जिले के अंतर्गत आने वाले जामडीह गाँव की एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कुरकुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने बताया है कि कुछ ग्रामीण उसके परिवार के सदस्यों को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए परेशान कर रहे हैं। दलित महिला ने कहा कि उन ईसाई ग्रामीणों ने मेरी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार भी किया, जिससे वह अभी तक सदमे में है। गुमला पुलिस ने महिला की तहरीर के आधार पर 30 अगस्त को धारा 323, 341, 295, 504, 448, 506, 509, झारखंड में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की IPC की धारा 4 और POCSO अधिनियम की धारा 8 के तहत FIR दर्ज कर ली है।
बता दें कि यह गाँव गुमला जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर स्थित है, जो वामपंथी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित है। पुलिस के सूत्रों ने बताया हैं कि मामले में एक FIR दर्ज की गई है, जिसमें कहा गया है कि कुरकुरा थाने के प्रभारी अधिकारी मामले की छानबीन कर रहे हैं। महिला ने अपनी शिकायत में पॉलीना बिलुंग, आकाश डुंगडुंग, निशा, शीला, फूलमनी सुरीन, उर्मिला, संतोषी, जानकी, शीतल राम, गंगी देवी, आकाश डुंगडुंग और सुशीला देवी का नाम लिया है। ये सभी ईसाई धर्म के मानने वाले हैं। महिला ने कहा कि आरोपित 14 अगस्त को उसके घर आए और उसके परिवार से ईसाई धर्म स्वीकार करने को कहा। अनुसूचित जाति की पीड़िता ने उन्हें यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि वह अपने हिन्दू धर्म से खुश है।
इस बात को लेकर उनके बीच विवाद हुआ, जिससे आरोपित हिंसक हो गए। उन्होंने घर पर अपना धार्मिक झंडा फहराया और उसकी 16 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार किया। उन्होंने लड़की के कपड़े खींचते हुए कहा कि वे उससे विवाह करेंगे और फिर उसे ईसाई बना देंगे। महिला ने कहा कि आरोपितों ने ग्रामीणों को उसके परिवार के खिलाफ भी उकसाया। बता दें कि गुमला ईसाई मिशनरियों का धर्म परिवर्तन का केंद्र रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान ईसाई मिशनरियों ने बड़ी तादाद में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था।
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