रांची: झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का असर अब जनसांख्यिकी के साथ-साथ कानून-व्यवस्था पर भी दिखाई देने लगा है। बांग्लादेशी घुसपैठिए इस इलाके में अफीम की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके लिए वे स्थानीय जनजातीय समुदाय का उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही, इस अफीम की तस्करी भी की जा रही है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ये बांग्लादेशी तस्कर झारखंड के गरीब इलाकों में घुसपैठ करते हैं और स्थानीय ग्रामीणों से संपर्क साधने के लिए सामान बेचने वाले बनकर आते हैं। इसके बाद वे ग्रामीणों को अफीम की खेती के फायदे समझाते हैं, जिससे ग्रामीण जल्दी पैसा कमाने की चाहत में अपनी जमीन देने को तैयार हो जाते हैं। बांग्लादेशी तस्कर इन्हें अफीम के बीज, खाद, और कीटनाशक तक उपलब्ध कराते हैं। फसल तैयार होने पर, इस अफीम को भारत से बांग्लादेश तक तस्करी कर ले जाया जाता है, जहाँ इसकी कीमत विदेशी बाजारों में लाखों रुपए तक होती है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों के जनसंख्या विस्फोट के कारण संथाल परगना में आदिवासी समाज अपनी पहचान बचाने की जद्दोजहद कर रहा है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 8, 2024
आदिवासियों के अस्तित्व को मिटाने का षड्यंत्र सिर्फ जमीन की लूट और लव जिहाद तक ही सीमित नहीं है, बांग्लादेशी घुसपैठिए संथाल आदिवासियों को नशे की गिरफ्त में… pic.twitter.com/ghWhJq9UMH
अफीम की खेती और तस्करी का यह धंधा लंबे समय से चल रहा है। जब पुलिस सख्ती करती है, तो बांग्लादेशी तस्करों की गतिविधियाँ कुछ समय के लिए रुक जाती हैं, लेकिन जैसे ही पुलिस की कार्रवाई कम होती है, ये तस्कर फिर से सक्रिय हो जाते हैं। झारखंड में अफीम की खेती का दायरा इतना बढ़ चुका है कि 2009 में सैटेलाइट से इसकी ट्रैकिंग करवाई गई थी। हाल ही में, झारखंड के चाईबासा में लगभग ₹6 करोड़ की अफीम जब्त की गई थी। झारखंड में यह अवैध अफीम कारोबार ₹100 करोड़ का है।
बांग्लादेशी घुसपैठ का असर चुनावों पर भी पड़ा है, जहाँ कुछ बूथों पर वोटों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई है। भाजपा ने इस मामले को उठाते हुए राज्य चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अफीम की खेती को लेकर चिंता व्यक्त की है और झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर इस मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। झारखंड हाई कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालने का आदेश दिया था।