रांची: अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को आसानी से लोन उपलब्ध होगा, उन्हें बैंकों को चक्कर न काटना पड़े इसके लिए आदिवासी सहकारिता निगम और अनुसूचित जाति आयोग को वित्तीय शक्ति प्रदान की जाएगी. पिछड़े वर्गों के लिए वित्त निगम का गठन किया जाएगा, इन्हें सरकार की ओर से फंड उपलब्ध कराया जाएगा. इससे इन वर्गों के लोगों को छोटे-मोटे उद्योग-व्यवसाय के लिए आसानी से ऋण मिल सकेगा.
प्रोजेक्ट भवन सभागार में 'ट्रांसफोरमेशन ऑफ एसपिरेशनल डिस्ट्रीक्ट इन झारखंड' विषय पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने यह बातें कहीं, इस बैठक में नीति आयोग की टीम, केंद्रीय गृह सचिव समेत राज्य के आला अधिकारी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि नीति आयोग ने झारखंड के विकास को सराहा है. कहा है, झारखंड दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रहा. कहा, तय मानकों के चलते राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ, जिसमें राज्य पहले पायदान पर है.
शिक्षा के मानकों में भी काफी सुधार आया है. आनेवाले दिनों में और सुधार आएगा. शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा। साक्षरता दर को राष्ट्रीय औसत दर तक लाया जाएगा. लोगों को छोटे-छोटे काम से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाई जा सकती है. राज्य के अति पिछड़े छह जिलों में 30-30 महिलाओं का 10-10 समूह बनाकर उन्हें चप्पल-जूते बनाने का प्रशिक्षण और कच्चा माल दिया जाएगा. महिलाएं तैयार माल को बाजार में बेच सकेंगी, बचा हुआ माल सरकार खरीदेगी.
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